राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन भारतीय मजदूर संघ ने 28 अक्टूबर को मोदी सरकार के सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में विनिवेश के फैसले के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है. इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार विपक्षी पार्टियों के विरोध का पहले से सामना कर रही थी और अब उनके करीबी दल भी विरोध करते नजर आ रहे है.
भारतीय मजदूर संघ के ऑल इंडिया सेक्रेटरी गिरीशचंद्र आर्य ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि उनके संगठन ने सरकार के सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों मे विनिवेश के फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा कि आंदोलन के लिए पहचाने जाने वाले सभी ट्रेड यूनियन को इसका विरोध करना चाहिए.
गिरीशचंद्र आर्य ने सार्वजनिक क्षेत्र का महत्व बताते हुए कहा कि “सार्वजनिक क्षेत्र से अच्छा लाभांश प्राप्त होता है, फिर केंद्र सरकार इसे बेचना क्यों चाहती है.”
अब भारतीय मजदूर संघ ने आगामी 28 अक्टूबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. अब सवाल उठ रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन का केंद्र की मोदी सरकार पर कुछ असर होता भी है या नहीं?