लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा और 4 किसानों को गाडी से रौंद दिए जाने के मसले पर मोदी सरकार की कैबिनेट में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा चर्चाओं के केंद्र में आ गए हैं. किसानों को रौंदे जाने का वीडियो वायरल होने बाद विपक्षी दलों और किसानों के समूह ने बड़ा हमला बोल रखा है. उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद से तत्काल हटाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है. जिस गाडी से किसानों को रौंदा गया, आरोप है उसे मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ड्राइव कर रहे थे.
आइये जानते हैं कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा आखिर हैं कौन
अजय मिश्रा पिछले दो लोकसभा चुनाव में लखीमपुर खीरी से जीत दर्ज़ कर रहे हैं. वह उत्तर प्रदेश से आने वाले अकेले ब्राह्मण नेता हैं, जिन्हें मोदी के मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. हांलांकि अजय मिश्रा को कैबिनेट फेरबदल में उस दौरान जगह दी गई, जब अन्य तमाम पार्टियां उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव के मद्देनज़र ब्राह्मणों को रिझाने की हरसंभव कोशिश कर रहीं थीं. बता दें कि उत्तर प्रदेश में भाजपा पर लगातार ये आरोप लगते रहे हैं कि वह ब्राह्मण विरोधी है.
अजय मिश्रा का जन्म 1961 में हुआ और उन्होंने क्राइस्ट चर्च कॉलेज और डीएवी कॉलेज से विज्ञान में पढ़ाई पूरी की. उनके पास क़ानून की डिग्री भी है. 2014 में वो पहली बार सांसद बने, जहां वक अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को तकरीबन 1 लाख वोट से हरा कर पहुंचे थे. 2019 में उनकी जीत का मार्जिन दुगुना हो गया, मतलब तकरीबन दो लाख वोट से जीत हुई. इससे पहले वह निघासन विधानसभा क्षेत्र से 2012 में विधायक चुने गए थे.
लखीमपुर खीरी में हुई हत्याओं में मामले में अपने बेटे का बचाव करते हुए अजय मिश्रा ने दलील दी थी कि उस गाडी में आशीष था ही नहीं. उन्होंने कहा कि जो साक्ष्य और वीडियो सामने आये हैं, उनसे पता चलता है कि अमुक गाडी के ड्राइवर को गाड़ी से उतार कर मौत के घात उतार दिया गया. अगर उनका बेटा गाडी चला रहा होता तो अब तक मारा जा चुका होता.