विशेष रिपोर्ट- नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी अभियान जल जीवन हरियाली में भयावह अनियमिता, प्रमंडलीय अभियंता ने कहा, ‘हमारे यहां कोई काम नहीं हुआ’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बहुप्रचारित अभियान जल जीवन हरियाली में बदहाली का एक दस्तावेज़ सामने आया हैं. 

ट्रस्ट न्यूज़ द्वारा सूचना का अधिकार के तहत प्राप्त हुए दस्तावेज़ से खुलासा हुआ हैं.

बिहारशरीफ प्रमंडल ने सूचना का अधिकार के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि इस प्रमंडल के अधीन जल जीवन हरियाली के अंतर्गत कोई भी कार्य नहीं कराया जा रहा है और न ही इस प्रमंडल को इस कार्य से संबंधित कोई आवंटन प्राप्त हुआ हैं.

साल 2019 के 2 अकटूबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े ही धूम धाम से जल जीवन हरियाली परियोजन आरंभ किया था. इसके लिए भारी संख्या मे बिहार के विभिन्न जिलों में पोस्टर और फ्लैक्स लगए गए थे. जिसमें इस योजन से संबंधित कार्य का विवरण लिखा गया था. इस योजन में 11 बिंदुओं पर कार्य करने की बात कही गई थीं.

इस अभियान के तहत सार्वजनिक जल संचयन संरचनों को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराने, तालाबों, पोखरों और आहरों का जीर्णोद्धार, सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार, चंपाकलों के पास सोख्ता निर्माण, नदियों-नालों-पहाड़ी इलाकों में जल संचयन का निर्माण, जल के नए स्रोत का निर्माण, भवन के छतों पर जल संचयन संरचना का निर्माण, सघन वृक्षारोपण, वैकल्पिक फसलों और जैविक खेती, सुर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन और जल जल जीवन हरियाली जागरूकता अभियान जैसे लक्ष्य निर्धारित किए गए थे.

बाढ़ नियंत्रण एव जल निस्सरण बिहार शरीफ के कार्यपालक अभियंता कपिल देव कुँवर ने इसके बाद और जवाब नहीं दिया हैं.

इस अभियान के प्रचार प्रसार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ताबड़तोड़ हवाई और सड़क दौरा भी किए. गाव और कस्बों में इस अभियान के प्रचार के लिए नाट्यमंडली भी तैयार किए गए थे. शहरों और कस्बों में दीवारों का विशेष रंग-रोहन किया गया था.

इस योजना को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभियान की संज्ञा दी थी.

इस कथित अभियान को 24, 524 करोड़ के राशि आवंटित कर तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया था.

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और बिहार सरकार के अपर सचिव राजीव रौशन द्वारा इसी साल के 25 फरवरी 2021 को जारी किए गए पत्र बताता है कि जल जीवन हरियाली राज्य की कोई विशेष अभियान नहीं है. बल्कि शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, सूचना और जनसम्पर्क विभाग पशु और मतीस संसाधन विभाग, राजस्व और भूमि सुधार विभाग, पंचायती राज विभाग, पर्यावरण, जल और जलवायु परिवरत्न विभाग, जल संसाधन, लघु जल संसाधन विभाग, कृषि आदि विभाग के बजट से नीतीश कुमार की बहुप्रचारित कथित अभियान को अंजाम दिया जाता है.

इस परियोजना से संबंधित सूचना देने और आंकड़े बताने के लिए एक वेबसाइट का निर्माण हुआ.                                                                     

वेबसाइट देखने से पता चलता है कि इस योजना के लिए सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी भी बहाल किए गए. कुल कितने कर्मचारी बहाल किए गए इसका आंकड़ा जल जीवन हरियाली अभियान से सबंधित वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हैं.

जल जीवन हरियाली के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्य में कितनी राशि किस तरह खर्च होगी, इसका कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं हैं.

बिहार सरकार के कृषि मंत्रालय के वेबसाइट सिर्फ इतना बतीय गया है कि वित वर्ष 2019-20 में 5870 करोड़ रुपये खर्च हुए. वित्त वर्ष 2020-21 की जगह 2012-21 लिखा गया है. यह सिर्फ टाइपिंग कि गलती है या कुछ और यह बता पाना बहुत कठिन है. बहरहाल, 9874 करोड़ खर्च होने की बात स्पष्ट किकी गयी हैं तथा वित्त वर्ष 2021-22 में 8780 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

करोड़ों रुपये किस तरह और किस मद में खर्च किए गये इसकी जानकारी न सबंधित वेबसाइट पर उपलब्ध और न उक्त विभाग के पास.

करोड़ों रुपये की लागत वाले इस कथित अभियान का अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया हैं.                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      

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