बीते शुक्रवार को को फेसबुक से जुड़ी सेवाएं, मसलन इंस्टाग्राम, मैसेंजर और वर्कप्लेस हफ्ते में दूसरी बार डिसरप्ट हुईं और इसके बाद फेसबुक को माफ़ी मांगनी पड़ी. फेसबुक की ये सेवाएं दो घंटे से अधिक तक बाधित रहीं.
फेसबुक ने कहा कि हम अपने उन यूजर्स से ईमानदारी से माफ़ी मांगते हैं, जिन्हें हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करने और अपने नजदीकी लोगों से संपर्क में रहने में बाधा हुई. उन्होंने कहा कि अब हमने सब फिक्स कर दिया है और सेवाएं सामान्य रूप से काम कर रही हैं.
मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है फेसबुक
बीते सोमवार को भी शाम से सोशल मीडिया में बादशाहत रखने वाले फेसबुक सहित व्हाट्स एप्प और इंस्टाग्राम की सेवाओं में बाधाएं महसूस की जा रही थी. दुनिया के तकरीबन हर हिस्से से इस तरह की शिकायतें आनी शुरू हो गईं और यह मसला वैश्विक स्तर पर एक बड़ी खबर बन गया. शुरूआती नज़र में विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह गड़बड़ी कंपनी के डोमेन नेम सिस्टम, जिसे इंटरनेट की दुनिया में प्रचलित तौर पर डीएनएस कहा जाता है, में समस्याओं की वजह से हुआ.
इसके बाद कंपनी के एक पूर्व डाटा वैज्ञानिक ने अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष कुछ सनसनीखेज खुलासे किये, जो गंभीर प्रकृति के थे. फेसबुक में काम कर चुकी फ्रांसिस हैगेन ने कहा है कि फेसबुक ने सुरक्षा की बजाय मुनाफे पर अधिक जोर दिया. उनका मानना है कि कठोर सरकारी निगाह से ही बच्चों को हो रहे नुकसान का समाधान किया जा सकता है. साथ ही राजनीतिक हिंसा भड़काने से लेकर गलत सूचनाओं को तवज्जो देने देने के मसलों को हल किया जा सकता है.