ओमिक्रोन के दुनियाभर में बढ़ते खतरे के बीच भारत सरकार की तरफ से इसको लेकर सतर्कता के तौर पर कदम उठाए गए हैं. शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में सरकार ने कहा कि 11 देशों को जोखिम श्रेणी में रखा गया है. सरकार ने कहा, इससे देश की उड़ानों संबंधी प्रगति पर असर तो पड़ रहा है, लेकिन सावधानी भी जरूरी है.
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में गुरुवार को मौखिक जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने 11 देशों को जोखिम वाले श्रेणी में रखा है. इन देशों से आने और जाने वाले यात्रियों पर पूरी नजर रखी जा रही है. बाहर से आने वाले यात्रियों का रिकॉर्ड रखा जा रहा है. साथ ही इन देशों से आने वाले यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर ही जांच के इंतजाम किए जा रहे हैं. 15 दिन तक हम उनका मॉनिटर करेंगे. हम ये भी ध्यान रख रहे हैं कि लोगों को आने-जाने में मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े.
कौन से देश हैं जोखिम श्रेणी में ?
लोकसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को मौखिक जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि सरकार ने 11 देशों को जोखिम वाले श्रेणी में रखा है. जिन देशों को इस जोखिम कैटगरी की श्रेणी में रखा गया है, वो हैं- यूनाइटेड किंगडम को मिलाकर यूरोप के सारे देश- दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, ब्राज़ील, चीन, मॉरीशस, न्यूज़ीलैंड, ज़िम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल.
सिंधिया ने कहा, ओमिक्रॉन को लेकर पूरा विश्व सचेत हो चुका है. 31 देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात समझौता हैं, 10 देशों के साथ समझौते का प्रस्ताव है. हमें स्वास्थ्य और परिवाहन सेवा की सुविधा के बीच संतुलनक बनाकर रखना होगा. इससे देश की उड़ानों संबंधी प्रगति पर असर तो पड़ रहा है, लेकिन सावधानी भी जरूरी है.
आपको बात दें, दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के इस नए अवतार ‘ओमिक्रोन’ ने दुनिया भर में तहलका मज़ा दिया है. कोरोना के इस नए वैरिएंट की वजह से पिछले एक सप्ताह में ही दक्षिण अफ्रीका में 200% से ज्यादा केसेस बढ़ गए हैं. ज्यादातर देशों ने दक्षिण अफ्रीका से अपने यातायात संपर्क बंद कर दिए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खतरे को भांपते हुए इस ओमिक्रॉन को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ की कैटेगरी में रखा है.