लगभग दो महीने के अंतराल के बाद रविवार को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर समस्याओं को सुलझाने के लिए 13वें दौर की बातचीत सम्पन्न हुई. हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक यहाँ 17 महीने से अधिक समय से सीमा गतिरोध बंद है.
अधिकारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच यह बातचीत मोलदो के चीन पक्ष के एलएसी में सुबह 10:30 बजे शुरू हुई.
बीबीसी हिन्दी में छपी खबर के मुताबिक ये बातचीत बेनतीजा रही. चीनी सेना ने बयान जारी कर के कहा कि भारत स्थिति का गलत आकलन करने की बजाए वार्ता को मुकाम तक पहुंचाए. वहीं भारत ने अपने बयान में कहा कि चीन ने भारत के रचनात्मक सुझावों को मानने से इनकार कर दिया.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने समकक्ष वांग यी को कहा था कि दोनों पक्षों को आगे आकर पूर्वी लद्दाख के मुद्दों को सुलझाने के प्रयास करने चाहिए. उसके तीन सप्ताह बाद ये नए दौर की बातचीत हो रही है.
16 सितंबर को दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात दुशाम्बे में एससीओ शिखर सम्मेलन में हुई थी.
इससे पहले वाले दौर की बातचीत 2 अगस्त को हुई थी. जिसके बाद दोनों सेनाएं गोगरा या पैट्रोल पॉइंट-17ए से पीछे हटी.