गृह मंत्री ने नगालैंड की घटना पर कहा कि सुरक्षा बलों ने एक संदिग्ध वाहन पर गोलियां बरसाई थीं. बाद में पता चला कि भीतर नागरिक हैं, उग्रवादी नहीं.
आज लोकसभा में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में आतंक विरोधी कार्रवाई के दौरान सुरक्षाबलों के एक ऑपरेशन में 14 आम लोगों की मौत के घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा, यह गलत पहचान का मामला है. सरकार घटना पर दुख प्रकट करती है. फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है.
घटना के बारे मे जानकारी देते हुए अमित शाह ने बताया कि, “सेना को चरमपंथियों की गतिविधि की सूचना मिली थी. इसी आधार पर 21 कमांडो ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया. एक वाहन वहां पहुंचा, उसे रुकने का इशारा किया लेकिन उसने भागने की कोशिश की. चरमपंथियों को ले जा रहे वाहन के संदेह पर, उस वाहन पर गोलीबारी की गई. वाहन में सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई. बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है.”
“इसके बाद घायल हुए 2 अन्य लोगों को सेना द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. इसकी खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने सेना की यूनिट को घेर लिया, 2 वाहनों में आग लगा दी और सेना पर हमला कर दिया. सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा के लिए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा. इससे 7 और नागरिकों की मौत हो गई. घटना के बाद, 5 दिसंबर की शाम, लगभग 250 लोगों की भीड़ ने मोन शहर में असम राइफल्स के कंपनी ऑपरेटिंग बेस में तोड़फोड़ की. इस भीड़ को तितर-बितर करने के एक और नागरिक की मौत हो गई.”
अमित शाह ने कहा, गृह मंत्रालय ने तत्काल पूर्वोत्तर के प्रभारी अतिरिक्त सचिव को कोहिमा भेजा जहां उन्होंने आज मुख्य सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. सरकार घटना की निगरानी कर रही है और क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. मौजूदा स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. नागालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने घटनास्थल का दौरा किया. प्राथमिकी दर्ज कर मामले को राज्य अपराध पुलिस थाने को सौंप दी गई है. एक एसआईटी गठित कर एक माह के अंदर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है. सरकार घटना पर खेद प्रकट करती है और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है.