बिहार में शिक्षा का अधिकार के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों का नामांकन नहीं करने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई

पटना| शिक्षा का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 (क) में मौलिक अधिकार में शामिल है। फिर भी निजी स्कूल इसका पालन नहीं करते हैं। बिहार में निजी स्कूलों ने इस नियम के आधार पर 25 फीसदी गरीबों बच्चों का नामांकन मुफ्त में अपने संस्थान में नहीं लिया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विधान परिषद में यह घोषणा शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने की। विभागीय मंत्री भोजनावकाश के बाद शुरू हुई परिषद की कार्यवाही में सदस्य रामबली सिंह के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक कक्षा में 25 फीसदी गरीबों बच्चों को पढ़ाने के बदले सरकार स्कूलों को निश्चित राशि देती है। फिर भी निजी स्कूल ऐसा नहीं कर रहे हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता रद्द कराई जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने पटना जिला का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यहां मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की संख्या 449 है, जिसमें 290 ने ही 2 हजार 247 बच्चों का नामांकन किया है। शेष 209 स्कूलों ने इस श्रेणी के बच्चों का नामांकन नहीं कराया है। इन्हें चिह्नित किया जाएगा। हालांकि अल्पसंख्यक समुदाय के स्कूल इस कानून के दायरे में नहीं आते हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पहले सभी स्कूलों को प्रारंभिक कक्षा में नामांकन से संबंधित इस प्रावधान के बारे में जानकारी विभाग की तरफ से दी जाती है। इस श्रेणी में शत-प्रतिशत नामांकन के लिए एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है।

रामबली सिंह ने कहा कि निजी स्कूल इसके नाम पर जालसाजी कर रहे हैं। 4 हजार 350 रुपये प्रति बच्चे की दर से सरकार से इन्हें राशि दी जाती है। 2014-15 से 2016-17 के बीच करोड़ों रुपये इन्होंने इस मद में ले लिए, लेकिन नामांकन नहीं कराया। इस मामले की जांच होनी चाहिए।

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