रद्द हो गए तीनों कृषि कानून, राष्ट्रपति ने लगा दी अंतिम मुहर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने संबंधी विधेयक पर मुहर लगा दी है. इसके साथ ही कृषि कानून अब औपचारिक रूप से निरस्त हो गए हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पर बुधवार को अंतिम मुहर लगा दिया गया. इसी के साथ औपचारिक रूप से तीनों कृषि कानून रद्द हो गए. शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी 29 नवंबर को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल पारित हो गए थे. जिसके बाद राष्ट्रपति का मुहर लगना बाकी था.

बीते दिनों कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. इसके बाद सरकार ने तेजी से इसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही 12 बजे के बाद शुरू होने पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पेश किया और विपक्ष के विरोध के बावजूद बिल को पारित कर दिया गया. इसके साथ ही दोपहर दो बजे के बाद इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया और ध्वनिमत से उच्च सदन से भी बिल पास हो गया. आपको बात दें, इन बिलों के विरोध में एक साल से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन कर रहे थे. अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा निरसन विधेयक पर अंतिम मुहर लगा इसे पूर्ण रूप से निरस्त कर दिया गया.

शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि यह आंदोलन अभी जारी रहेगा. उन्होंने आगे कहा था, जिन 700 किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है. MSP भी एक बीमारी है. सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है. हम 4 दिसंबर को एक बैठक करेंगे और उस पर आंदोलन की दिशा तय की जाएगी. तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. अब किसान, सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर अब भी डटे हुए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *