सरकार द्वारा कंपनियों के विनिवेश में संशोधन, नहीं पूरा कर पाई लक्ष्य

पिछले वर्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था.सरकार इस महत्वाकांक्षी टारगेट से मीलों पीछे छूट गई है. अब सरकार द्वारा इसमें संशोधन किया गया है. अगले वित्त वर्ष के लिए पेश हुए बजट में विनिवेश के टारगेट को आधे से भी कम कर दिया गया है.

कितना है वैल्यू

मौजूदा वैल्यू के हिसाब से देखें तो आईडीबीआई बैंक से करीब 24,500 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की 93.08 फीसदी हिस्सेदारी से करीब 17,500 करोड़ रुपये, कंटेनर कॉरपोरेशन से करीब 12 हजार करोड़ रुपये, शिपिंग कॉरपोरेशन से करीब 4 हजार करोड़ रुपये, हिंदुस्तान जिंक से करीब 39 हजार करोड़ रुपये और इंडियन ओवरसीज बैंक की 96.38 फीसदी हिस्सेदारी से करीब 38 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं. इसके अलावा अन्य विनिवेश भी पाइपलाइन में हैं.

अगले वित्तवर्ष के लिए भी लंबी है लिस्ट

सरकार ने बीपीसीएल और आईडीबीआई बैंक का विनिवेश अब अगले वित्त वर्ष के लिए टाल दिया है. पिछले बजट में दो सरकारी बैंकों और एक बीमा कंपनी का विनिवेश करने की बात की गई थी, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. नीति आयोग ने दो सरकारी बैंकों इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का विनिवेश करने की सिफारिश की है. सरकार इससे पहले एक बीमा कंपनी को बेचना चाह रही है, लेकिन अभी नाम तय नहीं हो पाया है.

45 फीसदी रह गया टारगेट

वित्त मंत्री ने कल संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया. इसमें सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के टारगेट को घटाकर महज 78 हजार करोड़ रुपये कर दिया. अगले वित्त वर्ष के लिए तो विनिवेश के टारगेट को और कम रखा गया है. सरकार ने अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के दौरान विनिवेश से 65 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.

सरकार द्वारा नहीं हो पाया कंपनियों का सौदा

चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार की कई बड़े विनिवेश की योजनाएं थीं. लेकिन सरकार अपने प्रयासों में सफल नहीं हो पाई. आर्थिक समीक्षा के अनुसार, सरकार को चालू वित्त वर्ष में 24 जनवरी 2022 तक विनिवेश से सिर्फ 9,330 करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं. इस साल बीपीसीएल, एअरइंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन, कंटेनर कॉरपोरेशन, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल जैसी सरकारी कंपनियों का विनिवेश करने की योजना थी. इनमें से सिर्फ एअर इंडिया का ही विनिवेश हो पाया है.

6 साल में सिर्फ 9 प्रयास सफल

सरकार ने 2016 में विनिवेश के लिए 36 कंपनियों का चयन किया था. इनमें से अभी तक मात्र 9 कंपनियों का ही विनिवेश हो पाया है. इन कंपनियों में एअरइंडिया, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन, एचएससीसी इंडिया, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन, ड्रेजिंग कॉरपोरेशन, टीएचडीसी इंडिया, नॉर्थ-ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन और कामराजर पोर्ट शामिल हैं. एअरइंडिया के लिए सरकार को कई साल के इंतजार के बाद पिछले साल सफलता मिल पाई.

एअरइंडिया सौदे को जनवरी 2022 के अंत में पूरा किया जा सका. इससे सरकार को 18 हजार करोड़ रुपये मिले. इस तरह अब तक विनिवेश से चालू वित्त वर्ष में सरकार 27,330 करोड़ रुपये जुटा पाई है. चालू वित्त वर्ष के संशोधित लक्ष्य को देखें तो अभी सरकार को करीब 48 हजार करोड़ रुपये और जुटाने हैं. इसके बाद अगले वित्त वर्ष में 65 हजार करोड़ रुपये जुटाने हैं. इस तरह अगले 14 महीने के दौरान 1.10 लाख करोड़ रुपये तक का विनिवेश करने का टारगेट है.

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