तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में बुधवार को एक सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे. जिसमें जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई. इस घटना के संबंध में भारतीय वायु सेना और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा ट्वीट कर औपचारिक बयान दिया गया.
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, हेलिकॉप्टर ने तमिलनाडु के कोयंबटूर के पास सुलूर में एक सैन्य अड्डे से उड़ान भरी थी. यह उधगमंडलम में वेलिंगटन जा रहा था, जहां रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज स्थित है. लैन्डिंग स्थल से कुछ दूर पहले ही हेलीकॉप्टर क्रैश हो गई जिसके बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गई, जिसमें सवार सभी लोग बुरी तरह झुलस गए. इसके बाद औपचारिक बयान मे कहा गया कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत सवार 13 लोगों का दुखद निधन हो गया. सवार लोगों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि डीएनए टेस्ट के माध्यम से मृतकों कि पहचान कि गई.
आपको बात दें, जिस विमान के साथ यह हादसा हुआ है वह एमआई-17V5 है. भारतीय सेना का एमआई-17V5 सबसे सुरक्षित हेलीकॉप्टरों में से एक मन जाता है. किसी भी वीवीआईपी दौरे में इसी विमान का उपयोग किया जाता है. यह डबल इंजन का हेलीकॉप्टर है, जिससे एक इंजन में खराबी आने पर दूसरे इंजन के सहारे सुरक्षित लैंडिंग कराई जा सके. इस हेलीकॉप्टर की तुलना चिनूक हेलीकॉप्टर से की जाती है.
निश्चित ही बिपिन रावत के निधन से भारत भूमि में एक बड़ा शून्य पैदा हुआ है, परंतु देश के प्रति उनका योगदान सदैव अमर रहेगा. 63 वर्षीय जनरल रावत ने जनवरी 2019 में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यभार संभाला. यह पद देश की तीनों सेनाओं, थल सेना, नौसेना और वायुसेना को एकीकृत करने के उद्देश्य से सृजित किया गया बाद में उन्हे नवनिर्मित, डिपार्टमेंट आफ मिलिट्री अफेयर्स का भी प्रमुख नियुक्त किया गया.