लखीमपुर किसान नरसंहार मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई है. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने दिया है. इस मामले में 18 जनवरी को लखनऊ बेंच ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप है.
पिछले साल अक्टूबर के महीने में लखीमपुर खीरी के टिकुनिया गावं में एक एसयूवी ने चार किसनों को कुचल दिया था. सभी किसान कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के एक कार्यक्रम से लौट रहे थे.इस घटना के बाद इलाके में हिंसा भी हुई. जिसमे कुछ ऑरर लोग मारे गए. किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. हिंसा के कई दिनों के बाद आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
आशीष मिश्रा के वकील सलिल श्रीवास्तव ने जमानत मिलने का आधार बताते हुए कहा कि गाड़ी आशीष मिश्रा नहीं, बल्कि हरिओम मिश्रा चला रहा था और उन्होंने डिफेंस में गाड़ी चढ़ाई थी. उन्होंने कहा कि ड्राइवर के अपराध के लिए आशीष मिश्रा को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है? उन्होंने ये भी बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि लखीमपुर हिंसा में किसी भी किसान की मौत गोली लगने से नहीं हुआ.
आशीष को मिली जमानत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने तुरंत इस पर सवाल उठाए. विपक्ष ने भी सरकार पर हमले करने शुरू कर दिए हैं. प्रियंका गांधी ने कहा, मैं पीएम मोदी से पूछना चाहती हूं कि कोई नैतिकता है या नहीं? किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने तुरंत सवाल उठाया कि वह इस बात को यूपी में बीजेपी के खिलाफ प्रचारित करेंगे. उन्होंने गंभीर मामले में जल्दी जमानत मिलने की बात कहकर कहा कि कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती?