जैसे–जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे दुनिया और लोग भी आगे बढ़ रहे हैं. साथ-साथ अपराधिक किस्म के लोग भी टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं. तरह-तरह के तरीकों से लोगों को फ्रॉड का शिकार बनाया जा रहा है. चोर अब टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर लोगों को लूट रहे हैं. कभी लॉटरी में जीते पैसों का लालच दिया जाता है, कभी किसी अनजान लिंक पर टैप करने को कहा जाता है और कभी-कभी तो आपसे केवाईसी के नाम पर ओटीपी पूछ कर आपको ठग लिया जाता है. इसी क्रम में एक ठगी है “एटीएम कार्ड क्लोनिंग” कर पैसे चुराने का. यानी हूबहू आपके कार्ड की नकल बना कर आपके खाते से पैसे निकाल लेना.
क्या है एटीएम कार्ड क्लोनिंग?
जब आप अपने एटीएम कार्ड का इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए करते हैं तो आपके कार्ड की जानकारी एटीएम मशीन में जा रही होती है. आप अपना एटीएम पिन डाल कर पैसे निकाल लेते हैं. ठगी करने वाले लोग उस एटीएम मशीन के साथ पहले से छेड़छाड़ कर के रखते हैं. एटीएम मशीन की कीबोर्ड के ठीक ऊपर वो एक प्लेट लगा कर रखते हैं जिसमे एक कैमरा लगा होता है, जिससे वो आपका एटीएम पिन जान लेते हैं.
इसके साथ एटीएम मशीन में जिस हरे रंग की बत्ती के पास आप अपना कार्ड डालते हैं वहाँ ये ठगी करने वाले लोग एक स्कीमर डिवाइस लगा कर रखते हैं, जो हूबहू एटीएम मशीन का ही पार्ट लगता है. जिस वजह से आसानी से लोगों का ध्यान उसपर नहीं जाता. एटीएम मशीन में कार्ड डालते ही इस स्कीमर डिवाइस में आपके कार्ड की जानकारी कॉपी हो जाती है. उसके बाद इस कॉपी किए गए डेटा को एक प्लेन कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप में डाल कर आपके कार्ड की नकल बना ली जाती है. अब ठगी करने वाले के पास आपका कार्ड भी है और कैमरा में कैद एटीएम पिन भी.

अब आप घर में बैठे है, सोये हैं या शायद खाना खा रहे हैं. आपको आपके साथ होने वाली ठगी का अंदाजा भी नहीं हैं. आप निश्चिंत बैठे हैं और एकाएक आपके फोन पर एक मेसेज आता है कि “फलाना एटीएम” से आपके खाते से “इतने रुपये” की निकासी की गई है. ये मेसेज आपके साथ ठगी हो जाने का संदेश मात्र है. आपका एटीएम कार्ड आपके पास सुरक्षित है, आपने किसी माध्यम से कोई लेनदेन नहीं किया ना ही आपको फोन कर के आपसे ओटीपी पूछा गया ना ही किसी लिंक या किसी एप को खोलने को कहा गया मगर आपके एटीएम कार्ड से पैसे निकाल लिए गए. इसे ही कहते हैं “एटीएम कार्ड क्लोनिंग” के माध्यम से पैसे चोरी कर लेना.
ऐसा होने के बाद क्या करें?
अगर आपके साथ ऐसा कुछ होता है तो सबसे पहले आप अपने बैंक को इस बात की जानकारी दें. अपने एटीएम कार्ड को तत्काल ब्लॉक करवा लें ताकि कोई और ट्रांजेक्शन नहीं किया जा सके. आपके खाते से चालू तमाम सर्विसेज़ को तत्काल बंद करवा लें जैसे- यूपीआई, नेट-बैंकिंग इत्यादि. अपने बैंक को इस बात की जानकारी देने के बाद पुलिस में इस अनाधिकृत लेन-देन कि शिकायत दर्ज करवाएं. इसके बाद बैंककर्मी या पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर जायजा लिया जाता है आपके शिकायत के अनुसार जांच की जाती है.
बचने के उपाय
एटीएम कार्ड क्लोनिंग से बचने के लिए सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप जिस एटीएम मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं वह सुरक्षित है. इसके लिए उन एटीएम का प्रयोग करें जो किसी बैंक के ब्रांच के साथ लगी हो. जिस एटीएम में एक गार्ड बैठ हो. जो एटीएम दिखने में लावारिस ना हो. ऐसे एटीएम में आमतौर पर ठगों द्वारा छेड़छाड़ कर पाना आसान नहीं होता.
इसके बाद भी आप जब एटीएम पिन डाल रहे हों तो एक हाथ से कीबोर्ड को ढक कर पिन डालें. एटीएम से रकम निकालने से पहले जांच लें कि कोई स्कीमर तो नहीं है. स्वैपिंग प्वाइंट के अगल-बगल हाथ लगाकर देखें. कोई वस्तु नजर आए तो सावधान हो जाएं. अपने एटीएम कार्ड का पिन समय-समय पर बदलते रहें. साथ ही दुकान, होटल या रेस्त्रां पर अपना कार्ड स्वाइप करने से पहले पीओएस मशीन को चेक कर लेना चाहिए. इसके बावजूद धोखाधड़ी होने पर तुरंत करें शिकायत. बैंक या पुलिस द्वरा समस्या का समाधान न होने पर आरबीआई बैंक के लोकपाल को शिकायत करें.

क्या होगा आपके चोरी हुए पैसों का?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार, ऐसे मामले जिसमे अनाधिकृत तरीके से किसी तीसरे पक्ष द्वारा लेन-देन किया गया हो, ऐसे में बैंक और ग्राहक की किसी तरह की कोई गलती नहीं होती है. इसके लिए बैंक में शिकायत दर्ज करवानी होगी जिसके बाद बैंक कारवाई कर अधिकतम 90 दिनों के अंदर आपका पैसा वापस खाते में डाल देता है. बैंक कोई कार्रवाई करे उससे पहले आपको पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज करानी होती है. शिकायत दर्ज करने के बाद आपके अपने बैंक में कुछ डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे जिसके बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
एक रिपोर्ट के अनुसार हर महीने लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये का नुकसान एटीएम क्लोनिंग के मामलों की वजह से होता है. ये रुपये आम जनता के महीने भर या साल भर या जीवन भर की कमाई हो सकती है. जिसे बड़ी आसानी से चोरों द्वारा गायब कर दिया जाता है. खबरों के मुताबिक, एक स्कीमर डिवाइस 7 हजार रुपए तक में मिल जाता है. कई ई-कॉमर्स वेबसाइट पर भी इसे खरीदा जा सकता है. क्लोनिंग करने वाले जालसाज बैंक का मोनोग्राम और हूबहू कार्ड तैयार नहीं कर सकते. ऐसे में ये लोग स्कीमर से डेटा कॉपी कर एक प्लेन कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप में डाल कर एटीएम मशीन के जरिए पैसे निकाल लेते हैं और बड़ी ही आसानी से आपको चुना लगा जाते हैं.