ऑस्ट्रेलिया भारत में निर्मित कोवैक्सिन को कोविशिल्ड को मान्यता देगा, जिससे उनके साथ टीकाकरण करने वालों को नियमों के अनुसार महाद्वीप में प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी.
इसका अंतरराष्ट्रीय छात्रों की वापसी और कुशल और अकुशल श्रमिकों की ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. इसका मतलब है कि कई भारतीय नागरिकों के साथ-साथ अन्य देशों को अब ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने पर पूरी तरह से टीका लगाया हुआ माना जाएगा.
ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट का कहना है कि यह मान्यता 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के यात्रियों के लिए है, जिन्हें कोवैक्सिन का टीका लगाया गया है, और उन 18 से 60 वर्ष लोगों के लिए जिन्हें बीबीआईबीपी-कॉर्व ( सिनोफ्राम, चीन द्वारा निर्मित) का टीका लगाया गया है.
पिछले हफ्ते यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने उन लोगों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया, जिन्हें परीक्षण प्रतिभागियों को संगरोध की आवश्यकता के बिना अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति देकर कोवैक्सिन का टीका लगाया गया है.
इस बीच, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के सूत्रों ने कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया टीजीए को रोलिंग डेटा प्रस्तुत किया था, और यह आज वैक्सीन की मान्यता के लिए समाप्त हो गया है. वैक्सीन की मान्यता को सुविधाजनक बनाने के लिए कंपनी ने इसी तरह कई अन्य देशों के नियामकों को डेटा प्रस्तुत किया.