कृषि कानून को लेकर पिछले 11 महिने से चल रहे आंदोलन में दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाना शुरु कर दिया गया है. टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में फार्म यूनियन नेताओं ने शुक्रवार को बैरिकेडिंग हटने के बाद कहा कि आगे की रणनीति मिलजुल कर बनाई जाएगी. आंदोलनकारियों का कहना है कि इससे यातायात में कोई परेशानी नहीं आएगी.
सुप्रिम कोर्ट के सुनवाई के कुछ दिनों बाद यह फैसला आया, जिसमें किसान संघो ने तर्क दिया था कि शहर की सीमाओं पर नाकेबंदी के लिए दिल्ली पुलिस जिम्मेदार थी. वरिष्ठ किसान नेता और एसकेएम सदस्य दर्शन पाल का कहना है कि किसानों पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था.
उन्होंने कभी भी यातायात को नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि हमने सड़क के उसी हिस्से पर कब्जा किया, जो कि पहले से ही फ्लाइओवर निर्माण कार्य के कारण बंद थी. लेकिन बैरिकेडिंग हटाने के बाद भी दैनिक यात्रियों को कोई राहत नहीं है.
वहीं उत्तर प्रदेश मे अभी तक बैरिकेडिंग नहीं हटी है. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध जारी रहने के बीच भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा शनिवार को दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करेगी. इस मामले से जुड़े लोगों ने 13 अक्टूबर को न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि अगले साल अलग-अलग राज्यों में होने वाले चुनावों पर किसानों के विरोध पर बैठक में चर्चा हो सकती है. जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मोर्चे की बैठक को संबोधित करेंगे, वहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी हिस्सा लेंगे.