पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में लगातार हो रही रही वृद्धि के बाद अब बिहार राज्य में बिजली की कीमतों मे भारी वृद्धि करने की योजना बन रही है. 2022 के अप्रैल महीने से बिजली 10 फीसदी तक महंगी हो जाएगी.
बिजली कंपनियों ने सोमवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग को बिजली दरों में 10% की वृद्धि के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. आयोग इस प्रस्ताव पर सुनवाई कर बिजली की नई दरों को तय करेगा जो अप्रैल, 2022 से प्रभावी माना जायेगा.
निजी कंपनियों ने बिजली आपूर्ति में खर्च में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए सभी श्रेणियों में लगभग 10 फीसदी तक बिजली की कीमतों को बढ़ाने का मन बना लिया है.
इसी प्रस्ताव में शहरी क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए स्लैब की संख्या घटाने की बात कही गई है. 3 की बजाए अब 2 स्लैब करने की बात चल रही है. जिसमें 0 से 100 यूनिट के स्लैब को समाप्त कर 0 से 200 यूनिट को पहला स्लैब और 200 से ऊपर के स्लैब को दूसरा स्लैब तय करने का प्रस्ताव दिया गया है.
व्यवसायिक संगठनों के लिए एक अलग श्रेणी एचटीआईएस बनाने की भी बात कही गई है.
“हिंदुस्तान अखबार ने बिहार स्टेट होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस के हवाले से लिखा है कि “कंपनियों की तरफ से बिजली दरों मे 10% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा है”.
बिजली दर में वृद्धि का यह प्रस्ताव उस वक्त में दिया गया है जब आम आदमी पहले से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी से परेशान है. राज्य में बसों का किराया भी बढ़ा दिया गया है.