देश भर में इमरजेंसी रिस्पांस सर्पोट सिस्टम को बहाल करने के मामले में बिहार आखिरी राज्य बना है.
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में घटित निर्भया कांड के बाद 23 दिसंबर 2012 को न्यायमूर्ति जे. एस. वर्मा की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था. कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में पब्लिक इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को उन्नत करने का सुझाव दिया था. साथ ही सभी इमरजेंसी नंबरों को एकीकृत कर नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम बनाने की अनुशंसा की गई थी.
बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक गृह मंत्रालय भारत सरकार ने नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम का गठन किया जिसके लिए टेलीफोन फोन नंबर 112 तय किया गया. इसका उद्देश्य सभी इमरजेंसी नंबरों जैसे 100, 102, 103 को एक ही प्लेटफॉर्म 112 के अंतर्गत लाना है.
ज्ञात रहे कि पुलिस राज्यों के अधीन काम करती है इसलिए इस सेवा को कार्यरत करने की जिम्मेवारी राज्यों को सौंप दी गई थी. आपको बता दें कि देश भर में इसे लागू करने मे बिहार आखिरी राज्य बना है.
अभी भी बिहार में ये पूरी तरह से लागू नहीं है. पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्भया कांड के 9 साल बीत जाने की पश्चात भी बिहार में इमरजेंसी रिस्पांस सर्पोट सिस्टम पूरी तरह से कार्यरत नहीं है बल्कि अपने अंतिम चरण में है.
बिहार सरकार आपातकालीन परिस्थिति में लोगों की सुरक्षा के लिए कितनी तैयारी कर रही है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है!