स्टेट क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बिहार में साल 2019 में महिलाओं के साथ रेप के 730 मामले दर्ज करवाए गए है. इस रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. 718 मामलों में रेप करने वाला कोई परिचित ही था. सबसे अधिक रेप शादी के नाम पर झांसा देकर किया गया है.
ब्यूरो की क्राइम इन बिहार 2019 में उपलब्ध आँकड़े बताते है कि रेप करने वाले 730 आरोपियों में से 61 परिवार के ही सदस्य थे. 81 पारिवारिक मित्र थे.
इन आरोपियों में 29 लीव इन पार्टनर या अलग हुए पति, 4 बॉस या सहकर्मी के साथ 1 अभिभावक भी शामिल है.
शादी के नाम पर बहला-फुसलाकर सबसे अधिक 369 रेप के मामले दर्ज हुए. इसके बाद पड़ोसियों पर रेप के 167 मामले दर्ज है.
अन्य परिचितों की संख्या 6 और अपीरिचितों की संख्या 12 है.
ये वो आँकड़े है जिनकी जानकारी पुलिस के पास है. बिहार में महिलाओं के साथ रेप या घरेलू हिंसा के अधिकतर मामले रिपोर्ट ही नहीं करवाए जाते.

उम्र और जिलावार समीक्षा
इन पीड़िताओं में से सबसे अधिक 558 की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच. 149 पीड़िताओं की उम्र 30 से 45 वर्ष के बीच और 22 की उम्र 45 से 60 वर्ष है. एक संख्या 16 से 18 वर्ष की पीड़िता का भी है.
राजधानी पटना में रेप की सबसे अधिक 69 घटनाएं दर्ज हुई है. वहीं वैशाली और नवगछिया में ये संख्या 0 है.
परिवार के सदस्य द्वारा रेप के सबसे अधिक 16 मामले गया जिले में दर्ज किए गए है.
2018 के मुकाबले रेप के मामले बढ़े है
रिपोर्ट के अनुसार 2018 में रेप के 651 मामले दर्ज हुए थे और 2019 में 730. इस तरह 2018 की तुलना 2019 में रेप के लगभग 10.8 फीसदी मामले बढ़े है.
जबकि 2018 में पुलिस के पास पहले से 466 केस पेंडिंग थे और 2019 में 361 केस. इस तरह पुलिस 2018 में 1117 मामलों की जाँच कर रही थी और 2019 में 1090.
2020 के लिए क्राइम इन बिहार का आंकड़ा फिलहाल स्टेट क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है.