पटना जंक्शन गोलंबर के आसपास अवैध कब्जा कई दशकों से बना हुआ है. सरकार द्वारा समय-समय पर इसको लेकर कारवाई की जाती रही है मगर इसका कोई ठोस परिणाम देखने को नहीं मिलता है. लगभग हर साल यहाँ लगे अवैध मार्केट को हटाया जाता है, और यहाँ के लोगों को एक स्थायी जगह देने का वादा किया जाता है. बावजूद इसके कुछ नहीं होता. कुछ समय बाद वापस यहाँ अवैध मार्केट बस जाता है और जगह को लेकर वेंडर आपस में लड़-झगड़ बैठते हैं.
करीब ढाई साल पहले पटना जंक्शन गोलंबर के पास से दूध मार्केट हटाया गया था. नगर निगम पटना द्वारा उन दूध बेचने वालों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अबतक कहीं भी इनलोगों को स्थायी जगह नहीं दी गई है. लगभग पाँच दसकों से यहाँ दूध बेचने का काम हो रहा है. दैनिक भास्कर में छपी एक खबर के मुताबिक, ढाई साल पहले तक लगभग 7 जिलों के व्यापारी यहाँ से दूध का व्यापार करते थे लेकिन अब मुश्किल से एक दो जिले के व्यापारी ही आते हैं. कारण, अस्थायी व्यवस्था.
पटना जंक्शन गोलंबर पर स्थायी स्टैन्ड नहीं होने की वजह से दूध मार्केट के सामने ऑटो वाले अपनी ऑटो खड़ी करते हैं. दूध बाजार के बगल में ऑटो स्टैन्ड के लिए प्रशासन ने अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था तो की है. लेकिन ऑटो की बढ़ती संख्या की वजह से जगह कम पड़ने लगी है. इस वजह से विवाद बढ़ जाता है. आमतौर पर गोलंबर के चारों तरफ अवैध वेंडिग और भारी संख्या में जाम की वजह से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है. दूध वाले और ऑटो वालों के लिए स्थायी जगह देने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कई बार बैठक किया जाता रहा है.मगर इस समस्या से किसी को कोई निष्कर्ष मिलन नजर नहीं आता है.
नगर निगम यहाँ कारवाई तो करता है मगर कुछ ही दिनों में सब मटियामेट हो जाता है. दूध मार्केट हटाया गया मगर उन्हे स्थायी जगह नहीं मिली ना ही स्थायी ऑटो स्टैन्ड बना. अब दूध मार्केट हटाने के बाद इस जगह सब-वे बनाने की योजना है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यहां सब-वे का निर्माण होना है. ऐसे में देखना यह है कि अस्थायी व्यवस्था और अवैध कब्जा होने की वजह से कब तक यह जगह विवादों का विषय बना रहता है.