राफेल सौदे में घूसखोरी के आरोपों पर बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

एक फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्ट, जिसमें की भारत के साथ राफेल सौदे को हासिल करने के लिए 2007 और 2012 के बीच कमीशन का भुगतान करने की बात कही गई है, के आधार पर भाजपा ने मंगलवार को कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) को “आई नीड कमीशन” के रूप में नामित किया जाना चाहिए. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी पर तीखा हमला किया, जो मोदी सरकार पर जेट की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं और उन पर “बकवास, दुष्प्रचार और झूठ” फैलाने का आरोप लगाया.

उन्होंने फ्रांसीसी खोजी पत्रिका मीडियापार्ट के ताजा खुलासे पर राहुल गांधी से भी जवाब मांगा. पात्रा ने कहा कि उन्हें इटली से इसका जवाब देना चाहिए. कुछ खबरों के मुताबिक कांग्रेस नेता फिलहाल भारत में नहीं हैं. बीजेपी के सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार “बेघर” हो गया है और इसका पता 10 जनपथ है, जो कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आवास है.

कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार ने “ऑपरेशन कवर अप” शुरू कर दिया और यह जानने की मांग की कि सरकार ने अब तक पूरे मामले की जांच क्यों नहीं की है.

मीडियापार्ट की नई रिपोर्ट जिसमें उसने दावा किया कि एक बिचौलिए के द्वारा फर्जी चालान का इस्तेमाल कर, डसॉल्ट एविएशन ने भारत को रफाल विमान बेचा. उस बिचौलिए को करीबन 7.5 मिलियन यूरोस देने का भी दावा किया गया है. मीडियापार्ट की जांच के अनुसार, डसॉल्ट एविएशन ने 2007 और 2012 के बीच मॉरीशस में मध्यस्थ को रिश्वत का भुगतान किया.

सरकार द्वारा मामले की जांच न किए जाने के कांग्रेस के सवाल पर पात्रा ने कहा कि कथित बिचौलिए सुषेन गुप्ता को पहले भ्रष्टाचार के एक मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था और कहा कि जांच एजेंसियों को मामले की जांच करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट और कैग पहले ही मोदी सरकार द्वारा हस्ताक्षरित राफेल सौदे की जांच कर चुके हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं पाया गया है.

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए 2004 और 2014 के बीच सत्ता में थी, इसी की वजह से पहली बार सत्ताधारी भाजपा, जिसपर खुद रफाल डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, को मुख्य विपक्षी दल पर आक्रामक जवाबी हमला करने का मौका मिला. मोदी सरकार ने 23 सितंबर 2016 को डसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने के सौदे पर मोहर लगाई थी.

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