प्रधानमंत्री ने केदारनाथ यात्रा के दौरान कहा कि ऐसा माना जाता है कि “पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी दोनों ही पहाड़ के काम नहीं आती. लेकिन अब यहाँ का पानी और जवानी दोनों पहाड़ के कम आएगी.”
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजन और मंदिर की परिक्रमा करने के बाद प्रधानमंत्री ने भाषण भी दिया. प्रधानमंत्री के साथ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित थे.
अपने भाषण में नरेंद्र मोदी ने 2013 में उत्तराखंड में आई भीषण तबाही को याद किया. ज्ञात रहे कि 2013 में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से 5000 लोगों की जान गई थी.
मोदी ने कहा कि तीर्थ यात्रा सिर्फ सैर-सपाटा नहीं है बल्कि ये जीवनकाल का हिस्सा है. आजादी के अमृत महोत्सव के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने आदि शंकराचार्य को भी याद किया.