राजस्थान में सियासी उठापटक अभी भी जारी है. गुरुवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुलाकात हुई थी. जिसमें राजस्थान के मंत्रीमंडल विस्तार पर चर्चा हुई थी.
राजस्थान के मुद्दे को लेकर हो रही गर्मा-गर्मी दिल्ली में भी चल रही है. इसी बीच राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुलाकात कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से दिल्ली, 10 जनपथ पर हुई.
उनकी बैठक के बाद सचिन पायलट ने कहा कि “यह बात बहुत अच्छी बात है कि सोनिया गांधी राजस्थान के बारे में लगातार प्रतिक्रिया ले रही हैं.”
पायलट का मानना है कि राजस्थान में चुनाव फिर से होने चाहिए. सही समय पर एआईसीसी के महासचिव अजय माकन राजस्थान के विषय में उचित निर्णय तभी ले पाएंगे.
मंत्रिमंडल विस्तार
ज्ञात हो कि सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली भ्रमण और शीर्ष नेताओं से मुलाकात के साथ ही राजस्थान में लंबे समय से प्रस्तावित मंत्रीमंडल विस्तार, और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर फिर चर्चा तेज हो गई हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान में मंत्रीमंडल विस्तार और फेरबदल पर भी निर्णय लिया जाएगा. गौरतलब है कि 17 दिसंबर को गहलोत सरकार के कार्यकाल के तीन साल पूरे हो जाएंगे. ऐसा माना जा रहा है इन तीन सालों में मंत्रीमंडल विस्तार या फेरबदल नहीं हुई क्योंकि पार्टी में खींचतान चल रही थी.
सचिन पायलट अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सामना करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं. वहीं इस मामले की चर्चा के लिए सोनिया गांधी के पास दिल्ली में पहुंचे गहलोत ने कल बताया था कि राज्य कैबिनेट में किसी भी तरह के फेरबदल का अंतिम फैसला पार्टी के हाईकमान के द्वारा ही लिया जाना चाहिए और जो भी फैसला लिया जाएगा, उसे लागू किया जाएगा.
पता हो कि राजस्थान कैबिनेट में काफी लंबे समय से गहलोत और पायलट के बीच गर्मा-गर्मी चल रही है. पायलट कि लगातार कोशिश बनी हुई है कि उन्हें और उनके करीबी और समर्थकों को कैबिनेट में शामिल कर लिया जाए.
इसके साथ ही यह भी खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री ने अपनी कैबिनेट मे अपने ही करीबी लोगों को शामिल किया हुआ है.