एनसीपी नेताओं पर केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा. पहले अनिल देशमुख, अब अजित पवार

मनी लॉन्ड्रिंग और जबरन वसूली के आरोपों के आधार पर पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के बाद अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार के खिलाफ बड़ी कारवाई हुई है. आयकर विभाग ने छापा मारते हुए अजित पवार की ₹1000 करोड़ों से अधिक की संपत्ति को जब्त कर लिया है. अजित पवार की तीन बहनों के घर पर भी छापा पड़ा है.

केंद्रीय एजेंसियों द्वारा महाराष्ट्र के मंत्रियों पर शिकंजा कसने से राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है. पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और अब अजित पवार. आयकर विभाग द्वारा किए गए तलाशी और छापेमारी का जवाब देते हुए पवार ने जोर देकर कहा कि उनसे जुड़ी सभी संस्थाओं ने नियमित रूप से करों का भुगतान किया है.

सूत्रों के मुताबिक मुंबई के नरीमन प्वाइंट स्थित निर्मल टॉवर सहित पांच संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है. साथ ही एक चीनी फैक्ट्री और एक रिसॉर्ट को भी जब्त किया गया है. बता दें कि डिप्टी सीएम अजित पवार काफी लंबे वक्त से आयकर विभाग के निशाने पर थे. विभाग की ओर से सात अक्टूबर को उनके 70 से ज्यादा ठिकानों पर रेड भी की गई थी जिनमें उनकी बहनों के घर भी शामिल थे. तलाशी के दिन अजित पवार ने कहा कि आयकर विभाग को जांच का अधिकार है, लेकिन इसमें मेरी बहनों को शामिल करना राजनीतिक बदले की भावना से की गई कारवाई है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के भतीजे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार पर हुए इस छापे पर टिपण्णी करते हुए शरद पवार ने भाजपा पर निशाना साधा और इसे ‘सत्ता का दुरुपयोग’ बताया. उन्होंने कहा, “अजीत पवार और अन्य लोगों के साथ जो हो रहा है, लोग उसे देख रहे हैं. लोग सत्ता के दुरुपयोग को देख रहे है.”

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