बीजेपी पार्टी के लिए विकास के पैमाने है- उद्योगपतियों को हर हाल में फायदा पहुँचाना. जिसके लिए क्यों ना गरीबों-वंचितों का हक ही मारा जाए. अभी तक कोरोना संक्रमण के दौरान गरीबों को मुफ्त में अनाज मिलता था लेकिन कोरोना संक्रमण काल के दौरान जरूरतमंद तबके को राहत देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अब 30 नवंबर से खत्म हो गई है.
नागरिक आपूर्ति मंत्रालय के खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 30 नवंबर से आगे बढ़ाने का अभी तक कोई प्रस्ताव सरकार की तरफ से नहीं आया है. उसने कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था उबर रही है और हमारी मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत खाद्यान्न की बिक्री भी इस साल असाधारण रूप से अच्छा रही है. इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का विस्तार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
आपको बताते चलें कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगने पर केंद्र सरकार ने पिछले साल यह योजना शुरू की थी. इसके लिए सरकार ने 1.70 करोड़ की धनराशि आवंटित की थी. इस अन्न योजना के तहत गरीबों को मुफ्त में प्रति व्यक्ति 5 किलो की दर से खाद्यान्न मिलता रहा है.
सरकार का दावा है कि अब तक करीब 80 करोड़ लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. सरकार के दावे और जमीनी हकीकत में बहुत फर्क है. ये पड़ताल करने पर पता चलेगा. फ़िलहाल केंद्र सरकार अपना पीठ थपथपा रही है.
दिवाली के एक दिन पहले ही सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रोल और डीजल के रेट्स में कमी करने का ऐलान किया था जिससे आमजन को काफी राहत मिली थी. लेकिन गरीबों के मुफ्त में दिए जाने वाले राशन को बंद करके एक बार फिर से गरीबों की चिंता को बढ़ा दिया है.
तमाम मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह कहा जा रहा था कि अभी आगे उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा के चुनाव मार्च तक समाप्त हो जाएंगे. लोगों को इस बात की आशा थी कि सरकार कम से कम मार्च महीने तक मुफ्त राशन का वितरण जारी रख सकती है. लेकिन खजाने पर बढ़ते बोझ को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है.
ताजा अपडेट के अनुसार, कई राज्यों में आगे होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है. इस योजना के तहत मियाद के बढ़ने से अब लाभार्थियों को मार्च 2022 तक मुफ्त में गेहूं और चावल प्रदान किया जायेगा.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के समय में गरीबो को मुफ्त राशन के माध्यम से लाभ देने के लिए किया गया है. इस स्कीम को पहले अप्रैल-जून 2020 तक के लिए शुरू किया गया था जिसे बाद में 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया. अब कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभों को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ने पर मोहर लग गयी है.