पारदर्शिता लाने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून में बदलाव

देश में कमजोर और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सरकार कई तरह के सोशल स्कीम्स (Social schemes by Government of India) चलाती है. इसमें लोगों को रोजगार देने से लेकर फ्री राशन स्कीम्स (Free Ration scheme) भी शामिल है. राशन के वितरण के लिए सरकार लोगों को राशन कार्ड देती है. इस कार्ड की मदद से लोग अपने घर के पास किसी भी राशन की दुकान (Ration Shops) से राशन की सुविधा उठा सकते हैं. कोरोना काल में राशन कार्ड (Ration Card) की मदद से सरकार ने 80 करोड़ लोगों तक मुफ्त राशन की सुविधा पहुंचाई थी.

इलेक्ट्रॉनिक तराजू से वजन किया जाएगा

लोगों को राशन में चावल, दाल और गेहूं दिया जाता है. लोगों को राशन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Law) के तहत मिलता है. लेकिन, यह आमतौर पर देखा गया है कि राशन की दुकानों पर दुकानदार लोगों के साथ कई बार बेईमानी करते हैं और उन्हें कम राशन दिया जाता है. ऐसे में इन मामलों को रोकने के लिए सरकार ने एक नया नियम बनाया है. इससे लोगों को सही मात्रा में राशन की सुविधा मिल पाएगी. अब सभी राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (EPOS) की चीजों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू से जोड़ा जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक तराजू (Electronic Weighing Machine) की मदद से लोगों के साथ कम राशन देने की गड़बड़ी नहीं हो पाएंगी और तय मात्रा के अनुसार सभी को राशन का लाभ मिलेगा.

लोगों को होगा फायदा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Law) के तहत मिलने वाले राशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के इरादे से इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (Electronic Point of Sale) को इलेक्ट्रॉनिक तराजू से जोड़ने का प्लान सरकार ने बनाया है. इससे लोगों को सही मात्रा में राशन मिल सकेगा. अगर राशन दुकानदार कम राशन देता है तो इसकी शिकायत कर सकते हैं. 80 करोड़ लोगों को 2 रुपये और 3 रुपये प्रति किलो की दर से राशन मिलता है.

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