23 अक्टूबर 2021 को चीन ने अपने नए सीमा सुरक्षा कानून को पास किया था. यह क़ानून नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमिटी के द्वारा पास किया गया था.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन के अनुसार इस कानून का मुख्य उद्देश्य सीमा प्रबंधन को मज़बूत करना और संबंधित इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना है. भारत ने अपनी सुरक्षा की चिंता करते हुए चीन के इस क़ानून पर आपत्ति जताई थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को सूचित कर दिया है कि वो नई सीमा सुरक्षा कानून का प्रयोग भारत के साथ जुड़ी सीमा पर एकतरफ़ा बदलाव लाने में नहीं कर सकती है.
चीन ने भारत की इस प्रतिक्रिया पर अपना जवाब दिया है कि उनका मकसद स्पष्ट है और वे उम्मीद करते हैं कि उनकी सीमा से जुड़ी कोई भी देश या संबंधित देश अंतरराष्ट्रीय संबंधों के नियमों का सम्मान करेंगे और उनके निजी कानूनों पर कोई अटकलबाज़ी नहीं करेंगे.
चीन ने अप्रैल 2020 के बाद से ही एलएसी की स्थिति बदलना शुरू कर दिया था. खबर आ रही है कि विवादित क्षेत्रों में चीन पीएलए (पीप्लस लिबरेशन आर्मी) की मौजूदगी को अब नए कानूने के ज़रिए उपयुक्त साबित कर सकता है.