सीओपी26: भारत और चीन जीवाश्म ईंधन सब्सिडी के मुद्दे पर आया एक साथ

भारत और चीन के किसी मुद्दे पर एक साथ दिखने की खबर वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है. सीपीओ26 सम्मलेन के दौरान भारत ने कोयले के इस्तेमाल को खत्म करने तथा जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को हटाने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था. जिसके बाद चीन ने भी इस प्रस्ताव में बदलाव लाने के पक्ष में भारत का समर्थन किया.

सीओपी26 शिखर सम्मेलन के दौरान ग्लोबल वार्मिंग को कम करने और वातावरण को प्रदुषण से मुक्त करने के लिए लगभग 200 देशों की बैठक हुई. जिसमे भारत ने विकासशील देशों की ओर से अगुवाई करते हुए जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के बजाय, इसके उपयोग को चरणबद्ध तरीके से कम करने के पक्ष में अपना सुझाव दिया है.

चीन ने भी भारत के सुझाव को महत्व देते हुए कहा, विकासशील देशों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने की और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता है. मगर पहले विकसित देशों को कोयले के उपयोग बंद करने की तरफ जाना चाहिए. जहाँ एक तरफ भारत ने प्रस्ताव में बदलाव की मांग की तो सम्मेलन के खत्म होने से पहले भारत के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई है.

चीन और भारत की एकजुटता के बाद, प्रस्ताव के अनुसार अब कोयले का इस्तेमाल खत्म करने की नहीं बल्कि कम करने के लक्ष्यों के साथ जलवायु समझौते को मंजूरी दी गई है. इस सम्मलेन को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि कोयले के उपयोग को कम करने की योजना के साथ किया गया ये अब तक का पहला जलवायु समझौता है.

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