विश्व भर में कोरोना हाहाकार मचाना शुरू कर दिया है. कोरोना की तीसरी लहर भारत में भी दस्तक दे चुकी है. जिसका प्रभाव आर्थिक दुनिया और लोगों के रोजमर्रा पर दिखाई देने लगा है. पूरे देश भर में पिछले 24 घंटे में 37,379 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं. भारत के ज्यादातर राज्यों में कोरोना संक्रमितों की बाढ़ सी आ गई है. एक-एक कर के राज्यों ने पाबंदियाँ लगानी शुरू कर दी है. ओमीक्रॉन कोरोना वायरस वेरिएंट और सोशल डिस्टेंसिंग प्रतिबंधों के मामलों में बढ़ोतरी के बाद देश में आर्थिक गतिविधि प्रभावित हुई है. इसका असर अब दिखने भी लगा है. देश में बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ने लगी है. यह जानकारी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी ने दी है.
सोमवार को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी की ओर से आंकड़ें जारी किए गए. सीएमआईई की आधिकारिक वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2021 में बेरोजगारी दर बढ़कर बीते कुछ महीने के उच्चस्तर 7.91 फीसदी पर पहुंच गई है. जबकि नवंबर में यह दर सात फीसदी थी. आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.3 फीसदी हो गई जबकि नवंबर में यह दर 8.2 फीसदी थी. वहीं, दिसंबर में ग्रामीण बेरोजगारी दर बढ़कर 7.3 फीसदी हो गई जो नवंबर में 6.4 फीसदी थी. ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर इस स्थिति को और बुरा बना सकती है. रिपोर्ट में कहा गया कि कई राज्यों में ओमिक्रॉन के मामलों में वृद्धि के बाद देश में आर्थिक गतिविधि और उपभोक्ता भावना प्रभावित हुई है.

आए दिन बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शहरों में नौकरी की तलाश में आते हैं, और उनमें से कितने लोगों को नौकरी मिलती होगी, यह आंकड़े बयां कर रहे हैं. अगस्त 2021 में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी पर थी लेकिन उसके बाद अगले तीन महीने यह कम रही. सितंबर 2021 में बेरोजगारी दर 6.86 फीसदी, अक्टूबर 2021 में 7.75 फीसदी और नवंबर 2021 में 7 फीसदी रही. भारत में बेरोजगारी की दर मई 2021 में अपने उच्चतम स्तर पर थी. जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर चरम पर थी, तब यह दर 11.84 प्रतिशत को छू गई थी.
क्या है सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी
यह एक प्रमुख व्यावसायिक इन्फोर्मेशन कंपनी है. वर्ष 1976 में इसे मुख्य रूप से स्वतंत्र थिंक टैंक के रूप में स्थापित किया गया था. यह संस्था आर्थिक और व्यावसायिक डेटाबेस उपलब्ध कराता है साथ ही यह यह अर्थव्यवस्था में नित नए रूझानों को समझने के लिये डेटा का विश्लेषण करता है. इस संस्था के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत को बेरोजगारी दर सही तरह से दर्शाती है, क्योंकि यह देश की कुल जनसंख्या में कितने बेरोजगार हैं, यह इसको बताती है.

प्राइवेट थिंक टैंक कहे जाने वाले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है. पूरे महीने चलने वाले इस सर्वे में विभिन्न शहरों के 32,166 घरों के 105,025 से अधिक व्यक्तियों से बात की जाती है. इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं उनसे रिपोर्ट तैयार की जाती है.