कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई के बीच बिहार राज्य सरकार ने जारी प्रतिबंधों को 6 फरवरी तक के लिए वस्तारित कर दिया है. राज्य में 24 दिसंबर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे थे. इसके बाद 6 जनवरी ने राज्य सरकार ने पाबंदियाँ लगाई थी. 6 जनवरी को जब पाबंदियाँ लगी तब संक्रमण दर 1.36 प्रतिशत था. लेकिन एक बार फिर बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं जिसके मद्देनजर 6 फरवरी तक पाबंदियों को विस्तारित कर दिया गया है.
गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुई क्राइसिस मेनेजमेंट ग्रुप की बैठक में प्रतिबंधों को विस्तारित करने का निर्णय लिया गया. 22 जनवरी से राज्य में नई गाइडलाइन लागू हो जाएगी. इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर के दिया.
नई गाइडलाइन में कोई भी फेरबदल नहीं किया गया है. विस्तारित पाबंदियों के तहत सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, हॉस्टल आदि बंद रहेंगे. सभी दुकाने और प्रीतिष्ठान रात 8 बजे तक ही खुले रहेंगे. रात 10 बजे से सुबह 5 जे तक नाइट कर्फ्यू लागि रहेगा. लेकिन स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं, हवाई-रेल यात्रा करने वाले, सरकारी सेवकों को छूट होगी.
बस-ऑटो 100 प्रतिशत क्षमता के साथ चलेंगे लेकिन ओवेरलोडिंग की मनाही है. साथ ही चालक समेत सभी यात्रियों को मास्क पहनना जरूरी है. जबकि सरकारी और गैर सरकार कार्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता से कार्य होगा. सभी सिनेमाहाल, शापिंग माल, क्लब, स्विमिंग पूल, स्टेडियम, जिम, पार्क व उद्यान पूरी तरह बंद रहेंगे.
बिहार में विगत 24 घंटे में 3,475 नए सांकृमितों की पहचान की गई है. हालांकि इस दौरान 7277 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं. सूबे में कुल स्वस्थ मरीजों का आंकड़ा पंहुचा 7,63,906 एवं रिकवरी दर 95.16 प्रतिशत है. वर्तमान में राज्य में कोरोना के कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 26,673 है.


इन सावधानियों के बीच बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार भी पड़ी है. दरअसल कोरोना मृतकों के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर कोर्ट में सुनवाई जारी है. कई राज्यों में देखा गया है कि मुआवजा मांगने वालों की संख्या कही ज्यादा है और सरकारी आंकड़ों में कोरोना से हुईं मौतें कम बताई जा रही हैं. बिहार को लेकर भी कोर्ट ने कहा है कि उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं कि इस राज्य में कोरोना से सिर्फ 12 हजार लोगों ने दम तोड़ा है.