कोविड-19 की वजह से 71% कर्मचारी अपने करियर पर पुनर्विचार कर रहे हैं: रिपोर्ट

कोरोना महामारी के कारण दुनिया के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था जूझ रही है. बीते दो साल में रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अधिकांश लोग अपने रोजगार को लेकर पुनर्विचार कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार नौकरी में लगे 71 प्रतिशत लोग अपने व्यावसायिक जीवन के बारे में सोच रहें हैं साथ ही एक अलग करियर भी तलाश रहे हैं.

नौकरी लिस्टिंग के लिए बनी एक अमेरिकी रोजगार वेबसाइट इन्डीड ने एक रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल 71 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि वे अपने करियर पर पुनर्विचार कर रहे हैं और यह भी देख सकते हैं कि एक अलग और अच्छा करियर कैसे प्राप्त किया जा सकता है.

यह रिपोर्ट इन्डीड वेबसाइट की इंडिया हायरिंग ट्रैकर-2021 की दूसरी छमाही के लिए है. इस रिपोर्ट के लिए एनालिटिक्स पेशेवरों की टीम VALUVOX द्वारा सर्वेक्षण किया गया. सर्वेक्षण में पाया गया कि 71 प्रतिशत नौकरीपेशा लोग अपने व्यावसायिक जीवन के बारे में सोच रहें हैं साथ ही एक अलग करियर भी तलाश रहे हैं. रिपोर्ट में आगे पाया गया कि 51 प्रतिशत ने सोचा कि क्या उनकी वर्तमान नौकरी एक उद्देश्य को पूरा कर रही है. जबकि एक बड़े हिस्से, 67 प्रतिशत, ने खुद के सही नौकरी में होने के बारे में भी खुद से सवाल किए.

इस सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि लगभग 61 प्रतिशत लोग अपने जीवन की प्राथमिकताओं के अनुसार अपनी नौकरी को प्राथमिकता देने के लिए गंभीरता से सोच रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 में से तीन कर्मचारी अपनी मौजूदा नौकरी छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं. ये विचार महिला कर्मचारी की तुलना में पुरुष कर्मचारियों में अधिक हैं.

कोरोना महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर नौकरीपेशा लोगों की प्राथमिकताओं में एक बड़ा बदलाव आया है. लोग अब ऐसे काम की तलाश में हैं जहां काम और जीवन को संतुलित रखा जा सके. काम का एक उद्देश्य हो ना की बस काम किए जाना ही एक लक्ष्य हो. लोग अब नौकरी में सैटिस्फैक्शन और लचीलेपन को अहमियत दे रहे हैं. लगभग 77 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि जहां वो कार्यरत हैं उस जगह उन्हे फ्लेक्सबिलटी महसूस नहीं होती. अधिकांश लोग सप्ताह में 5 दिन काम करते पाए गए, जिनमें से 51 प्रतिशत ने दिन में 6-8 घंटे काम किया.

कोविड के दौरान काम करने का एक नया कल्चर भी देखने को मिला. जहां लोग घर से काम करते थे, इसे रिमोट वर्क या वर्क फ्रॉम होम कहा जाता है. रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान लोगों के काम और निजी जीवन के बीच की सीमाएं लगभग समाप्त हो गई. आधे से अधिक पुरुष कर्मचारियों ने कोविड के दौरान प्रतिदिन 6-8 घंटे काम किया जबकि कोविड से पहले मात्र 15 प्रतिशत कर्मचारी ही प्रतिदिन इतना काम करते थे.

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