बीते सोमवार को रूस ने एक नई मिसाइल का परीक्षण करते हुए अपने ही एक पुराने उपग्रह कॉसमॉस-1408 को एंटी सेटेलाइट मिसाइल से नष्ट कर दिया. इस परीक्षण के दौरान हुए धमाके से बड़ी मात्रा में मलबे निकले. मलबों की संख्या 1500 से अधिक बताई जा रही है जो अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के आसपास तैर रहे हैं, जिस वजह से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से इन मलबों के टकराने की संभावना बढ़ गई है.
आपको बता दें कि आईएसएस पर इस समय चार अमेरिकी, एक जर्मन और दो रूसी अंतरिक्ष यात्री काम कर रहे हैं. मलबे के स्टेशन से टकराने पर इन सब की जान को खतरा है. यह मलबा दशकों तक ऊपर बना रह सकता है, जिससे इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्टेशन पर क्रू मेंबर्स और अन्य मानव अंतरिक्ष यान गतिविधियों के साथ-साथ कई देशों के उपग्रहों के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा हो सकता है.
रूस ने जिस मिसाइल से अपने उपग्रह को नष्ट किया, उसे एंटी-सैटेलाइट वेपन कहा जाता है, जो अंतरिक्ष में मौजूद उपग्रहों को नष्ट करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने रूस के द्वारा किये गए इस परिक्षण पर चिंता जताई है. NASA ने कहा है कि वो इन मलबों पर नजर रखी हुई है और अगर इसके आईएसएस से टकराने का खतरा चरम पर हुआ तो अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस आने के लिए कह दिया जाएगा.
रूस के द्वारा किये गए इस एंटी सेटेलाइट मिसाइल लॉन्च पर अमेरिका ने भी नाराजगी जताई और इसे खतरनाक और गैर-जिम्मेवार कहा. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, रूस ने इस बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं दी थी जिससे अंतरिक्ष में मौजूद लोगों और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए खतरा बढ़ गया. हालाँकि रूस ने अबतक इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है कि ये यह परिक्षण कब किया गया था.