सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार कि दलीलें सुनी. इस सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि वह लॉकडाउन लगाने को तैयार है मगर दिल्ली के तमाम पड़ोसी राज्यों को भी लॉकडाउन लगा कर दिल्ली का साथ देना चाहिए जिससे यह लॉकडाउन और भी कामगार साबित होगा और जल्द से जल्द वायु प्रदूषण पर काबू किया जा सकेगा.
कोर्ट ने केंद्र एवं राज्यों से कहा कि हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं. हमें राजधानी को प्रदूषण मुक्त करना है. केंद्र जल्द से जल्द सभी राज्यों से बात कर के इसका हाल निकालें. साथ ही कुछ उद्योगों, वाहनों और कारखानों का संचालन कुछ समय के लिए रोकने पर भी विचार करें.
पिछले सुनवाई में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर संभव हो तो दो दिन का लॉकडाउन लगा दिया जाए. प्रदूषण के लिए केवल किसानों को जिम्मेवार ठहरा कर सरकार अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती. स्थिति इतनी भयावह है कि घर में भी मास्क लगाना पड़ रहा है. जल्द से जल्द इसके उपाय करे और 02 दिन का लॉकडाउन के बारे में सोचें.
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के अनुसार, रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 330 दर्ज किया गया. जो एक दिन पहले यानि शनिवार को 437 था. मौसम विभाग ने कहा था कि 16 नवम्बर की रात से इसमें सुधार होगा और 17 नवम्बर से यह स्थिति और सुधरेगी.
एयर क्वालिटी इंडेक्स के स्तर
आपको बता दें, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को “अच्छा”, 51 से 100 के बीच में “संतोषजनक”, 101 से 200 के बीच “मध्यम”, 201 से 300 तक “खराब”, 301 से 400 के बीच में “बेहद खराब” तथा 401 से 500 के बीच “गंभीर” माना जाता है.
सुप्रीम कोर्ट नें दिल्ली सरकार को कहा कि आप सिर्फ विज्ञापन कर रहे हैं. अपना प्रचार करने के लिए और प्रदूषण नियंत्रण के लिए खर्च किए जाने वाले पैसों की ऑडिट करने का आदेश देने के लिए कोर्ट को मजबूर ना करें. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 नवंबर बुधवार को होगी.