दिवाली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक स्तर’ को पार कर गई

दिल्ली की वायु गुणवत्ता संभावित रूप से “खतरनाक” स्तर को पार कर गई और शुक्रवार को पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर 774.69 पर पहुंच गया. शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक लगभग 1 बजे तक 1645 को छू गया.

पूरे शहर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक निशान से काफी ऊपर बना हुआ है. स्तर 1 बजे के बाद धीरे-धीरे कम हो गया, लेकिन अभी भी खतरनाक स्तर से ऊपर बना हुआ था और शाम 5 बजे 1053 के आसपास था.

अधिकारियों ने भविष्यवाणी की थी कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा और राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी दिवाली के दिन ही बढ़कर 25 प्रतिशत हो जाएगी. शहर और इसके उपनगरों के कई हिस्सों के लोगों ने प्रदूषित हवा के कारण गले में खुजली और आंखों से पानी आने की शिकायत की.

यह साल का सबसे ज्यादा प्रदूषण स्तर था. दिल्ली के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता भी गंभीर स्तर को पार कर गई. ‘शून्य से 50′ के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा माना जाता है; ’51 से 200’ संतोषजनक है; ‘101 और 200’ मध्यम है; ‘201 से 300’ खराब है; 301 से 400 बहुत खराब है और 401 से 500 गंभीर है.

स्विस संगठन आईक्यू एयर की 2020 की एक रिपोर्ट में पाया गया कि दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में से 22 भारत में थे, दिल्ली विश्व स्तर पर सबसे प्रदूषित राजधानी थी.

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