केरल के देवसहायम पिल्लई ने 18वीं सदी में धर्मांतरण कर ईसाई बनना स्वीकार कर लिया था. अब वो भारत से आने वाले पहले ऐसे आम व्यक्ति होंगे, जिन्हें पोप वेटिकन सिटी में संत की उपाधि देंगे. वेटिकन में ही स्थित कांग्रिगेशन फॉर द कॉजेज ऑफ सेंट्स ने इस बाबत घोषणा कर दी है.
देवसहायम को संत की उपाधि अगले वर्ष मई के महीने में दी जाएगी. इनके साथ छः अन्य लोगों को भी संत की उपाधि से नवाज़ा जाएगा. कांग्रिगेशन फॉर द कॉजेज ऑफ सेंट्स ने कहा है कि संत घोषित करने की प्रक्रिया को तकरीबन पूरा किया जा चुका है.
देवसहायम 1745 में ईसाई बन गए थे और उन्होंने अपना नाम लेजारुस रख लिया था. लेजारुस का भावार्थ होता है देवताओं की सहायता करने वाला. बता दें कि भारत के सन्दर्भ में पोप हाल ही में चर्चा में आए थे, जब उनसे मिलने गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गले लगा लिया था. सोशल मीडिया पर उनकी ये तस्वीर काफी लोकप्रिय हुई, लेकिन विरोधी ये कहने से नहीं चुके कि मोदी ने ऐसा गोआ चुनाव के मद्देनज़र किया है.