पटना। ट्रस्ट न्यूज
आइपीएस विकास वैभव द्वारा सोशल मीडिया पर अपने डीजी के बारे में कथित दुर्व्यवहार की जानकारी साझा करने के मामले में अब उनसे डीजी शोभा अहोतकर ने पत्र लिखकर जवाब मांगा है।
डीजी ने विकास वैभव को संबोधित अपने पत्र में कहा है कि उनके द्वारा किया गया ट्वीट वायरल हो रहा है। जिसमें लिखा गया है कि डीजी रैंक की महिला अधिकारी से वह गालियां ही सुन रहे हैं, उक्त तथ्यों के समर्थन में यह भी लिखा गया है कि उनके द्वारा इसकी रिकॉर्डिंग
भी की गयी है।
डीजी ने कहा है कि ऐसा कहकर वह बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। यह अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 के प्रावधानों के प्रतिकूल है। यही नहीं रिकॉर्डिंग करना उनकी गलत मंशा का द्योतक है। यह ऑफिसियल सिक्रेट्स एक्ट के सुसंगत प्रावधानों का भी उल्लंघन है। यह एक वरीय पुलिस अधिकारी के आचरण के सर्वथा विपरित हैं और ऐसा करके वह अनुसाशनहीनता, कर्तव्यहीनता और विधि विरूद्ध कार्यों का द्योतक है। वह 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें कि क्यों नहीं आपके इस आचरण के लिए अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की जाए।
विकास वैभव के छुट्टी का आवेदन भी हुआ रद्द
अपने डीजी (शोभा अहोतकर) के व्यवहार से व्यथित होकर होमगार्ड सह अग्निशमन विभाग के आईजी विकास वैभव ने गुरुवार को 60 दिन की छुट्टी का आवेदन दिया, पर इस आवेदन को डीजी शोभा अहोतकर ने रद्द कर दिया। साथ ही इसे गृह विभाग को भी भेज दिया। इस तरह दोनों के बीच का विवाद अब सरकार के पाले में चला गया।
गौरतलब है कि यह मामला सोशल मीडिया पर छाया रहा। गुरुवार की सुबह विकास वैभव ने ट्वीट कर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। इसमें उन्होंने नाम लिये बगैर डीजी शोभा अहोतकर पर गाली देने का आरोप लगाया था। हालांकि कुछ ही घंटे बाद उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट भी कर दिया।
विकास वैभव ने 9 फरवरी को ट्वीट कर लिखा कि मुझे आईजी होमगार्ड और फायर सर्विसेज का दायित्व 18.
10.2022 को दिया गया था। तब से ही सभी नव-दायित्वों के निर्वहन के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूं। प्रतिदिन तब से अनावश्यक ही डीजी मैडम के मुख से गालियां ही सुन रहा हूं, पर यात्री मन आज वास्तव में द्रवित है। उन्होंने इसमें रिकॉर्डिंग टूल्स का भी जिक्र किया है।
हालांकि कुछ घंटे बाद ही उन्होंने अपने इस ट्वीट को हटा भी दिया। वैसे मामले को लेकर पूछने पर विकास वैभव ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। सिर्फ इतना ही कहा कि छुट्टी पर जाना चाहता हूं।
जानकारी के मुताबिक श्री वैभव ने पहले ही मुख्य सचिव से उन्हें उनके वर्तमान पदस्थापन से हटाने का भी आग्रह कर रखा है।