बीते वर्ष 17 से 19 दिसंबर तक उत्तराखंड के हरिद्वार में धर्म संसद नाम के एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में मुसलमानों के नरसंहार तक का आह्वान किया गया. इस मामले में पत्रकार कुर्बान अली की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. इसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी, यति नरसिंहानंद समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया.

अब इस याचिका के खिलाफ हिंदु सेना नाम के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. हिंदु सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दाखिल इस याचिका में राज्य सरकारों को असदुद्दीन ओवैसी, तौकीर रजा, साजिद रशीदी, अमानतुल्ला खान, वारिस पठान के खिलाफ भी हेट स्पीच का मामला दर्ज करने का निर्देश देने का आग्रह किया है.

ज्ञात रहे कि हरिद्वार में नफरती भाषण की इस घटना के तुरंत बाद ही 25 से 26 दिसंबर को छतीसगढ़ के रायपुर में भी धर्म संसद का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कालीचरण नाम के एक व्यक्ति ने महात्मा गांधी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया था.

घटना के बाद कालीचरण ने एक विडिओ के माध्यम से अपनी बातों को वापस लेने से इंकार करते हुए कहा था कि “ऐसी एफआईआर से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं गांधी का विरोधी हूं और गांधी से नफरत करता हूं. इसके लिए अगर फांसी की सजा भी सुनाई जाएगी तो स्वीकार है.” हालांकि मध्यप्रदेश के खजुराहो से कालीचरण को गिरफ्तार कर लिया गया.
अब इस मामले में हिंदु सेना सुप्रीम कोर्ट पहुँच कर मुस्लिम नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है.