जिनके कार्यकाल में पटना के गांधी मैदान हादसे में मारे गए 33 लोग उन्हें बनाया आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य

पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा को बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है. मनीष कुमार वर्मा 2014 में उस वक्त पटना के डीएम थे जब गाँधी मैदान में रावण वध के दौरान हुए हादसे में 33 लोग मारे गए थे. उस समय मनीष कुमार वर्मा पर आरोप लगे थे कि घटना के वक्त वो अपने बेटे के बर्थडे पार्टी में व्यस्त थे. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि उस दिन उनके बेटे का जन्मदिन जरूर था लेकिन वो उस पार्टी में मौजूद नहीं थे.

सूत्रों के मुताबिक वर्मा ने वीआरएस लिया था जिसे मार्च महीने में उड़ीसा सरकार ने एक्सटेंड करने से इंकार कर दिया. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन्हें अपने सचिव के पद से होम स्टेट ओडिशा के लिए वर्मित किया. लेकिन ये वापस नहीं गए और अब ये बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य बनाये गए है.

अहम सवाल ये है कि जिनके कार्यकाल में इतनी बड़ी घटना घटती है जिसमें 33 लोगों की जान चली जाती है, उन्हें आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाना कितना जायज है?

बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाद्यक्ष उदय कांत मिश्र ने मनीष वर्मा के बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाये जाने की पुष्टि की है.

बिफोरप्रिंट पर छपी एक खबर के मुताबिक इस संबंध में बिहार अपर सचिव रामचंद्रुडु के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के राज्यपाल के निर्देश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा उड़ीसा 2000 बैच के पूर्व डीएम मनीष कुमार वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है.

क्या हुआ था 2014 में?

2014 के अक्टूबर महीने में पटना के गांधी मैदान से रावण वध देख कर वापस लौट रहे 32 लोगों की मौत हो गई थी और 29 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

उस वक्त पटना के डीएम मनीष कुमार वर्मा थे. उन पर आरोप लगे कि घटना के वक्त वो अपने बेटे का जन्मदिन मना रहे थे और घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे.

बाद में उन्होंने इस संबंध में अपनी सफाई देते हुए कहा था कि मौके पर मौजूद थे और अपने बेटे के बर्थडे पार्टी में नहीं गए थे.

इस सफाई के बावजूद भी ये सवाल तो बनता ही है कि जिनके कार्यकाल में इतनी बड़ी आपदा होती है और 33 लोग मरते हैं उन्हें आपदा प्राधिकरण में एक महत्वपूर्ण पद देना कितना सही है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *