यूरोप एक बार फिर कोरोना महामारी का केंद्र बन गया है, क्योंकि पूरे महाद्वीप के विभिन्न देशों में कोरोनावायरस के ताजा मामले सामने आ रहे हैं. संक्रमणों में तेजी से हो रहे वृद्धि के कारण यूरोपीय सरकारों को प्रतिबंधों को फिर से नए सिरे से घोषणा करने के लिए विवश कर दिया है.
यूरोपीय देशों में बढ़ रहे कोरोना मामलों के तहत हॉलैंड में दोबारा लॉकडाउन लगाते ही देश में दंगे शुरू हो गए. इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की तोपों से तेज बौछारें भी कीं. यहां दुकानों और रेस्तरां को जल्दी बंद करने का आदेश दिया गया है.
7 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस सप्ताह के लिए जारी नवीनतम रिपोर्ट में रूस सहित यूरोप में 7% वृद्धि दर्ज की गई जबकि अन्य क्षेत्रों में गिरावट या स्थिरता की सूचना दी गई थी. इसी तरह, मौतों में 10% की वृद्धि दर्ज की, जबकि अन्य क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गई.
जर्मनी के कुछ शहरों में क्रिसमस बाजारों को फिर से बंद करने की सूचना है. जबकि नीदरलैंड पहले सिनेमाघरों, बड़े आयोजनों, कैफे और रेस्तरां को बंद कर सकता है. डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान ने कहा कि यूरोप में मामलों में वृद्धि का एक बड़ा कारण यहां का तापमान गिरना भी है. उन्होंने कहा कि टीकों की उपलब्धता के बावजूद यूरोप में जो हो रहा है वह दुनिया के लिए एक चेतावनी है.
यूरोपियन यूनियन (ईयू) की रोग एजेंसी, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) के अनुसार, 27 सदस्यीय ब्लॉक में 10 देश ‘उच्च चिंता’ की स्थिति का सामना कर रहे हैं. चीन और रूस में भी कोरोना का कहर जारी है. रूस में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 39,256 नए मामले समाने आए हैं.
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