बिहार विधानमंडल का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया. पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 की रिपोर्ट दोनों सदनों में वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पेश की. रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल में भी बिहार के सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. जबकि इस दौरान देश की विकास दर में 7.25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी . हालांकि वित्तीय वर्ष 2019 और 20 से इसकी तुलना करें, तो इसमें गिरावट दर्ज की गयी है और यह 7.40 प्रतिशत से घटकर 2.50 प्रतिशत पर आ गया है.
कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित किया .
महामारी की दूसरी लहर ने देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित किया है. फिर भी बिहार इसके कुप्रभाव से काफी हद तक बचा रहा. इसकी मुख्य वजह कृषि क्षेत्र में 10 फीसदी और पशुपालन एवं इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में छह फीसदी की ग्रोथ रेट का रहना है. 2020 और 21 में देश के दूसरे राज्यों की विकास दर निगेटिव रही थी. कुछ राज्यों की विकास दर में तो 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है परंतु बिहार देश में एकमात्र ऐसा राज्य रहा, जिसकी विकास दर 2.50 प्रतिशत बनी रही और यह देश में सर्वोच्च भी है.
बिहार में उत्पादन और खरीद क्षमता में बढ़ोतरी
बिहार के प्राथमिक (प्राइमरी) सेक्टर की विकास दर 2.3 प्रतिशत, द्वितीयक (सेकेंडरी) विकास दर 6.1 प्रतिशत और तृतियक (टर्सियरी) सेक्टर में यह 6.4 प्रतिशत रहा. जहां तक मुद्रास्फीति दर की बात है, तो यह 3.1 प्रतिशत रही. यह देश की मुद्रास्फीति दर 4.3 प्रतिशत से काफी बेहतर है. इसी तरह उत्पादन और खरीद के क्षेत्र को देखें, तो 14 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गयी है. इससे बिहार में उत्पादन और यहां के लोगों की क्रय क्षमता में बढ़ोतरी हुई है.
पर्यावरण एवं पर्यटन से बजट में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी
राज्य में जल-जीवन-हरियाली, कृषि रोडमैप समेत ऐसी अन्य योजनाओं का सार्थक असर भी विकास दर को बढ़ाने में पड़ा है. इसी वजह से पर्यावरण एवं पर्यटन के बजट में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है. विधानमंडल के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद विधान परिषद एनेक्सी के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में वित्त मंत्री, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, बजट अधिकारी संजीव कुमार मित्तल, आद्री के सदस्य सचिव पीपी घोष समेत ने इस रिपोर्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी.
सरकार के टैक्स संग्रह में इजाफा हुआ.
राज्य सरकार के अपने स्रोतों से जमा होने वाले स्टेट टैक्स में 1.2 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2019 और 20 में 33 हजार 858 करोड़ रुपये आंतरिक टैक्स के रूप में वसूले गये. जबकि 2020 और 21 के दौरान इसमें बढ़ोतरी होकर 36 हजार 543 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान सभी तरह के केंद्रीय टैक्स से राज्य को मिलने वाली हिस्सेदारी में भी बढ़ोतरी हुई और यह 21.7 प्रतिशत से बढ़कर 24.8 प्रतिशत हो गया.