इजरायली एनएसओ (NSO) समूह पर फेसबुक अपने व्हाट्सएप मेसेजिंग ऐप में एक बग का दुरुपयोग कर मैलवेयर इंस्टॉल करने का आरोप लगाकर मुकदमा चला सकता है. इस मैलवेयर को पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और असंतुष्टों सहित 1,400 लोगों की जासूसी करने की अनुमति है.
एक 3-0 फैसले में सोमवार को, सैन फ्रांसिस्को के 9वें अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स द्वारा निजी स्वामित्व वाले एनएसओ के दावे को खारिज कर दिया गया. एनएसओ का दावा था कि यह मुकदमे के अंदर आने से मुक्त था, क्योंकि इसने विदेश के सरकारी एजेंट के रूप में काम किया था.
फेसबुक, जो अब मेटा प्लेटफॉर्मस इंक. (FB.O) के नाम से जाना जाता है, उसने अक्टूबर 2019 में हुई क्षति के लिए एनएसओ पर मुकदमा दायर कर दिया. क्षति यह हुई थी कि पीड़ितों के मोबाइल उपकरणों पर एनएसओ अपने पेगासस मालवेयर को स्थापित करने के लिए छह महीने पहले बिना अनुमति के व्हाट्सएप सर्वर तक पहुँच गया था.
ज्ञात हो धन एसओ ने यह तर्क दिया है कि पेगासस कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को अपराध से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने में मदद करता है.
जुलाई 2020 में एक ट्रायल जज ने इसे “कंडक्ट-बेस्ड इम्युनिटी” घोषित करने से इनकार कर दिया था. इसकी अपील एनएसओ कर रहा था. “कंडक्ट-बेस्ड इम्युनिटी” एक सामान्य कानून सिद्धांत है जो विदेशी अधिकारियों को उनकी आधिकारिक क्षमता में कार्य करने पर रक्षा करता है.
सर्किट जज डेनिएल फॉरेस्ट ने उस निर्णय को बरकरार रखते हुए कहा कि यह एक आसान केस था क्योंकि एनएसओ के द्वारा महज पेगासस के लाइसेंस और तकनीकी सहायता की पेशकश ने उसे संघीय कानून के तहत दायित्व से नहीं बचाया, जिसने आम कानून पर पूर्वता ली.
फॉरेस्ट ने लिखा कि एनएसओ के सरकारी ग्राहक अपनी तकनीक और सेवाओं के साथ जो कुछ भी करते हैं, वह एनएसओ को ‘एक विदेशी राज्य की एजेंसी या साधन’ की तरह प्रस्तुत नहीं करता है. इसलिए एनएसओ विदेशी संप्रभु प्रतिरक्षता के संरक्षण का हकदार नहीं है.
यह मामला अमेरिकी जिला न्यायाधीश फिलिस हैमिल्टन के पास ओकलैंड, कैलिफोर्निया में वापस आएगा.
एनएसओ ने इस निर्णय पर टिप्पणी के लिए एक ईमेल
कहा कि इसकी तकनीक गंभीर जरिए अपराध और आतंकवाद के खिलाफ जनता की रक्षा करने में सहायता करती है और यह अपने उद्देश्य में स्थिर है.
व्हाट्सएप प्रवक्ता जोशुआ ब्रेकमैन ने एक ईमेल के जरिए इस निर्णय को “पत्रकारी मानवाधिकार रक्षकों और 3 सरकारी नेताओं के खिलाफ़ हमलों के लिए एनएसओ को जिम्मेदार ठहराने का एक महत्वपूर्ण कदम” बताया है.
फेसबुक के इस मामले को माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प (MSFT.O), अल्फाबेट इंक (GOOGL.O) गूगल और सिस्को सिस्टम्स कॉर्प (CSCO.O) के द्वारा समर्थित किया गया, जिसने अदालत में दाखिल कर पेगासस जैसी निगरानी/जासूसी तकनीक को “शक्तिशाली और खतरनाक” कहा है.
3 नवंबर को अमेरिकी सरकार ने एनएसओ और इजरायल के कैंडिरू को कथित तौर पर सरकारों को स्पायवेयर प्राप्त करवाने के लिए “ब्लैकलिस्ट” कर दिया. उन सरकारों ने पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों को बुरे तौर पर निशाना बनाया था.
मामला WhatsApp Inc et al v NSO Group Technologies Ltd et al, 9वीं यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ़ अपील्स, नंबर 20-16408 का है.