बुधवार को अमेरिकी प्रशासन के मुख्य अधिकारी ने कहा कि इस साल के अंत तक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग पहली बार आभासी बैठक करने वाले हैं. यह बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद जिंगपिंग से पहली मुलाकात होगी. माना जा रहा है कि बाइडेन और जिंगपिंग की आभासी बैठक अर्थ यह भी है कि वे G20 की बैठक मे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलेंगे जो कि इस महीने के अंत तक रोम में होने वाली है.
इस बैठक का फैसला अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के यंग जिएची के बीच ज्यूरिख, स्विट्ज़रलैंड में पूरे छः घंटे की बातचीत का नतीजा रहा.
दोनों पक्षों ने इस बैठक को रचनात्मक और स्पष्टवादी बताया. इस बातचीत में ताइवान पर चीन के दावे को लेकर बढते तनाव, दक्षिण चीन सागर मे बढते चीनी कार्रवाईयों के साथ-साथ हांगकांग, शिनजियांग और ताइवान पर बीजिंग के रूख जैसे विवादास्पद मुद्दों पर जेक सुलिवन ने चिंता जताई.
अमेरिकी उपसचिव ने कहा कि अमेरिका चीन का सहयोग करेगा, जहां वह उसके हित में होगा लेकिन बिजिंग को जरूर चुनौती देगा, जहां वह वाशिंग्टन और उसके सहयोगियों के हितों को कमजोर करेगा या फिर नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में खतरा बन जाएगा. चीनी राजदूत ने यह उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति बाइडेन अपने बयान का सही अनुवाद कर कहेंगे कि अमेरिका का चीन के साथ कोई नया शीत युद्ध करने का कोई इरादा नहीं है.