प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद, संवैधानिक प्रक्रिया की ओर एक और कदम बढ़ाया गया है. बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के बिल को मंजूरी दे दी गई है.
इसके बाद इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा. इस बिल को 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है.
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 विधेयक ‘किसान’ उत्पाद व्यापार और वाणिज्य अधिनियम, 2020, किसान मूल्य आश्वासन समझौता, कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 2020 को निरस्त करने के लिए पेश किया जाएगा. इस बैठक पर हर किसी की निगाहें टिकी थीं कि आगे क्या होगा.
केंद्र सरकार द्वारा 2020 में कानून पारित किए जाने के बाद से ही किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं. सरकार के द्वारा कानूनों को वापस लिय जाने के फैसले के बाद भी आंदोलनकारियों ने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है.
आंदोलनकारियों का कहना है कि जबतक संसद द्वारा इसे पूर्ण रूप से निरस्त नहीं कर दिया जाता तबतक हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे. वहीं अब संसद के दोनों सदनों से कानूनों की वापसी का विधेयक पारित होने के बाद उस पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाएंगे और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही उसे गजट में प्रकाशित किया जाएगा.
जिसके बाद कृषि कानून निरस्त हो जाएगा. संभवतः कानून निरस्त हो जाने के बाद किसान भी अपने घर, अपने खेत लौट आएंगे.