बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े एक मामले को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए आज मुश्किल भरा दिन है.
सीबीआई की विशेष अदालत आज झारखंड के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में आज लालू यादव के लिए सजा का एलान करेगी. इस मामले में लालू के साथ 75 आरोपियों को 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था और 24 को रिहा कर दिया गया था. इनमें से 36 को तीन-तीन साल की सजा मुकर्रर की जा चुकी है. वहीं 38 आरोपियों को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई जाएगी.
अदालत ने लालू प्रसाद यादव को आईपीसी की धारा 409,420,467,468, 471 के साथ षडयंत्र से जुड़ी धारा 120 बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) के तहत दोषी करार दिया था. इन धाराओं में उन्हें सात साल की कैद की सजा हो सकती है. गौरतलब है कि चारा घोटाला में लालू की पहली सजा चाईबासा कोषागार केस में 30 सितंबर 2013 को हुई. इस कोषागार से अवैध रूप से 37.70 करोड़ रुपए निकाले गए. इस मामले में उन्हें पांच साल की सजा हुई. इस सजा के चलते उन्हें लोकसभा की अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी. देवधर ट्रेजरी से 89.27 लाख रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू को 3.5 साल की सजा हुई है. चाईबासा ट्रेजरी से 33.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में भी राजद प्रमुख को पांच साल की जेल हुई है. जबकि दुमका कोषागार से 3.26 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू को 14 साल की सजा हुई है. चारा घोटाले के इन सभी मामलों में लालू यादव को जमानत मिली हुई है. चारा घोटाले में लालू पहले ही 14 साल की सजा काट चुके हैं.
क्या मिलेगी तुरंत जमानत
अदालत अगर लालू को 3 साल या उससे कम की सजा सुनाती है तो जमानत तुरंत मिल जाएगी लेकिन अगर इससे अधिक की सजा सुनाती है फिर जेल जाना होगा.
घोटाले को कैसे अंजाम दिया गया था
जाँच के दौरान इस घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए. जिसमें पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ढोने की कहानी भी शामिल है. मामला 1990-92 के बीच का है. उस समय अफसरों और नेताओं ने फर्जीवाड़ा की नई कहानी ही लिख दी. फर्जीवाड़ा कर बताया गया कि 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले. सीबीआई ने जांच में पाया कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था.
जांच में सामने आया कि 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदे गए थे. वहीं क्रॉसब्रिड की बछिया और भैंस की खरीद का करीब 84 लाख का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के प्रोपराइटर विजय मल्लिक ने की थी. इस घोटाले में हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी के आपूर्तिकर्ता संदीप मल्लिक पर भी भेड़ और बकरी के लिए 27 लाख 48 हजार रुपए भुगतान करने का आरोप लगा है.
सीबीआई ने कहा था – इसमें मंत्री कर्मचारी सब शामिल
सीबीआई ने जांच में कहा था कि ये व्यापक षड्यंत्र का मामला है. इसमें राज्य के नेता, कर्मचारी और व्यापारी सब भागीदार थे. इस मामले में बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत राज्य के कई मंत्री गिरफ्तार किए गए थे.