महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय(ED) द्वारा हिरासत में ले लिया गया है. ED ने उनसे 12 घंटे से ज्यादा तक अपने ऑफिस में काले धन को वैध बनाने (मनी लॉन्डरिंग) से जुड़ी पूछताछ की है.
देशमुख ने अपने खिलाफ़ लगे रिश्वत के आरोपों के बारे में हो रहे विवाद के कारण साल के शुरुआत में अपने ओहदे से इस्तीफा दे दिया था. शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था क्योंकि उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा बुलाए जाने की अपील को मना कर दिया था.
सोमवार को एक वीडियो बयान में देशमुख ने कहा कि उनपर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं.
अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह द्वारा भ्रष्टाचार और जबरदस्ती पैसे वसूलने का आरोप लगाया गया था. परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखी गई एक चिट्ठी में देशमुख पर दखलअंदाज़ी और हर महीने 100 करोड़ रुपए जबरदस्ती वसूलने के लिए पुलिस को इस्तेमाल करने का इल्जाम लगाया था. उन्होंने यह पत्र तब लिखा था जब उन्हें मुकेश अंबानी बम मामले में धीमे जाँच पड़ताल के कारण उनके पद से हटा दिया गया था.
अनिल देशमुख का कहना है कि मुकेश अंबानी की सुरक्षा जाँच के दौरान परमबीर के तहत कुछ क्षमा न करने योग्य भूल-चूक के मामले सामने आए थे.
NCP नेता ने खुद पर लगे आरोपों से इंकार कर दिया था और रिश्वत के दावों पर मानहानि का केस ठोकने की धमकी दी थी. तब विपक्षी नेताओं द्वारा इनके इस्तीफे की मांग के बीच आरोपों के कारण राज्य में बहुत बड़ा राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया था.
इस समय पूर्व टॉप पुलिस परमबीर सिंह भी लापता हैं और उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हो चुका है. उनके ऊपर भी जबरदस्ती के मामले और कई और मामले दर्ज कराए गए हैं.
देशमुख को परमबीर सिंह को नीचा दिखाने का मौका मिल गया है और उनका कहना है कि परमबीर सिंह के डिपार्टमेंट के कई अधिकारियों ने ही उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. रविवार को CBI ने पूर्व मंत्री के रिश्वत के मामले से जुड़ाव में पहली गिरफ्तारी की.