देश में बढ़ रही असहिष्णुता: पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी

गणतंत्र दिवस के मौके पर वॉशिंगटन में आयोजित वर्चुअल इवेंट में शिरकत करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल के वर्षों में नागरिक राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से बदलने की कोशिशें हो रही हैं. धार्मिक बहुमत को राजनीकि एकाधिकार के रूप में पेश करके मजहब के आधार पर असहिष्णुता को हवा दी जा रही है.

कार्यक्रम इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल-आईएएमसी द्वारा आयोजित की गई थी. इस कार्यक्रम में अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के चेयरमैन, एक अमेरिकी सीनेटर और यूएस कांग्रेस के भी तीन सांसद मौजूद थे. कार्यक्रम का विषय था ‘भारत के बहुलतावादी संविधान का संरक्षण’. इसमें अंसारी एवं अन्य ने देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों, गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून के दुरुपयोग और कश्मीरी कार्यकर्ता खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया. हालांकि ऐसे तमाम दावों को भारत सरकार यह खारिज करती रही है.

भारत में चल रही असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली हवा

भारत से डिजिटल तरीके से इस चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने आरोप लगाया, ‘‘हाल के वर्षों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं. वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति और असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं.’’

मौके पर अमेरिकी सीनेटर एड मार्के ने कहा, ‘‘एक ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ पकड़ सकती है. हाल के वर्षों में हमने ऑनलाइन नफरत भरे भाषणों और नफरती घटनाओं में बढ़ोतरी देखी है. इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है.’’ इससे पहले मार्के ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले शासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का भी विरोध किया था. 

कार्यक्रम के आयोजकों में अग्रणी संस्था ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ पर कथित रूप से देश में दंगे भड़काने और आईएसआई से लिंक का आरोप है. हालांकि संगठन का कहना है कि वह आईएसआई से नहीं जुड़ी है. वह नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यरत एक अमेरिकी संस्था है. हामिद अंसारी के बयान के सामने आने के बाद से राजनीति चहल पहल भी तेज हो गई है. बयान विवादों में आ गया है.

  

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