गुजरात के अहमदाबाद में बीते दिनों 15 नवंबर को अहमदाबाद नगर निगम ने सड़कों के किनारे नॉनवेज की बिक्री पर बैन लगा दिया था. इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट में निगम के इस फैसले को चुनौती दी गई. याचिका पर सुनवाई करते हुए 09 दिसंबर गुरुवार को गजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को फटकार लगते हुए कहा, आप लोगों को उनकी पसंद का खाने से कैसे रोक सकते हैं?
लाइव लॉ की एक खबर के मुताबिक, जस्टिस बीरेन वैष्णव की बेंच ने कहा, आपको नॉनवेज खाना पसंद नहीं है, यह आपकी मर्जी है. आप यह कैसे तय कर सकते हैं कि लोगों को बाहर क्या खाना चाहिए? कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को कोर्ट में पेश होने को कहा और कहा कि आप कैसे तय कर सकते हैं कि लोगों को क्या खाना चाहिए. चूंकि आप सत्ता में हैं, इसलिए ऐसा कर रहे हैं? कल आप तय करेंगे कि मुझे अपने घर के बाहर क्या खाना चाहिए? कल कहेंगे कि मुझे गन्ने का रस नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे शुगर हो सकता है या कॉफी मेरे स्वास्थ्य के लिए खराब है.
आपको बात दें, अहमदाबाद के स्ट्रीट वेंडरों की ओर से दायर एक याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही थी. याचिका दायर करने वाले ज्यादातर वे लोग हैं जो अंडे का स्टॉल लगाते हैं तो कुछ नॉनवेज और सी फूड बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं. याचिका में कहा गया है कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही उनके ठेले, खाना बनाने का सामान और अन्य कच्चा माल जब्त कर लिया गया.
वहीं अहमदाबाद नगर निगम का दावा है कि सड़कों पर नॉनवेज बेचने से रोकने का अभियान इसलिए चलाया गया है, क्योंकि सड़कों पर नॉनवेज बेचने से स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होता है. यह अस्वच्छ है और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है. नगर निगम का ये भी कहना था कि इन दुकानों से निकलने वाला धुआं सेहत के लिए नुकसानदेह होता है.