हिजाब विवाद ने कितना सफर तय किया है?

कर्नाटक में दिसंबर के महीने में शुरू हुआ हिजाब विवाद उत्तर प्रदेश चुनाव आते-आते बड़ा रूप ले चुका है. उडुपी से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बनने तक के सफर में इसमें कई मोड़ आए . अब हिजाब के समर्थन में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उडुपी जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. उडुपी जिला प्रशासन ने जिले में सभी हाईस्कूलों के आसपास के इलाकों में सोमवार से लेकर 19 फरवरी तक सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.

हाईस्कूलों के आसपास के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाने का अनुरोध किया गया था. आदेश के अनुसार, स्कूलों के इस दायरे के भीतर पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक रहेगी. प्रदर्शन तथा रैलियों पर प्रतिबंध रहेगा. इससे पहले राज्य सरकार ने हिजाब-भगवा शॉल विवाद के को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था.
एक दिन पहले ही हिजाब विवाद को देखते हुए मैसूर पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए रविवार तक रैलियों और विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही शहर में धारा-144 भी लागू कर दी। नगर पुलिस आयुक्त चंद्रगुप्त द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, 12 फरवरी (सुबह 6 बजे) से 13 फरवरी (रात 10 बजे) तक ये आदेश लागू रहेगा.

कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ ये विवाद कहाँ तक पहुंचा

हिजाब विवाद को लेकर सबकी नज़रे अब हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं. ये विवाद कर्नाटक के उडुपी की एक यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ था. कर्नाटक के उडुपी जिले के एक कॉलेज में छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में न आने देने के बाद ये मामला आगे बढ़ता गया. अब यह विवाद कर्नाटक के अलावा कई राज्यों में पहुंच गया है. महिलाएं सड़कों पर उतर कर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. उत्तर प्रदेश में चुनाव जारी है.

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