प्रधानमंत्री मोदी ने आज शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोलकाता स्थित चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर का उद्घाटन किया. 530 करोड़ रुपये की लागत से बने इस परिसर को पीएम ने पश्चिम बंगाल के नागरिकों के लिए बड़ी सुविधा का केंद्र बताया. पीएम ने कहा, ‘इससे विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बड़ी सुविधा मिलेगी जिनका कोई अपना कैंसर से मुकाबला कर रहा हो.”
इस कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल थीं. जहां उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी जिस अस्पताल का आज उद्घाटन कर रहे हैं, उसका उद्घाटन तो हम पहले ही कर चुके हैं. ममता बनर्जी ने कहा,
मैं इस प्रोग्राम में सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए आई हूँ. स्वास्थ्य मंत्री ने मुझे दो बार फोन किया था. मैं प्रधानमंत्री की जानकारी के लिए बता दूँ कि इस अस्पताल का उद्घाटन हमलोगों ने पहले ही कर दिया है. कोविड काल के दौरान कोविड सेंटर की जरूरत पड़ने पर चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान को राज्य से जुड़े पाए जाने पर हमने इसे कोविड सेंटर बना दिया.

उन्होंने आगे कहा कि
इस कैंपस का उद्धाटन और इस्तेमाल तो हम कोविड काल के दौरान ही कर चुके हैं. प्रधानमंत्री को यह जान कर खुशी होगी कि इसमें 25 प्रतिशत राशि प.बंगाल सरकार द्वारा खर्च की जाती है. इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने 11 एकड़ की जमीन दी है, इसलिए जब बात जनता की आती है, तो राज्य और केंद्र सरकार को एक साथ काम करना चाहिए. पीएम की जानकारी के लिए बता दें, हमारी सरकार आने से पहले स्वास्थ्य सुविधाएं काफी खराब थीं.
इसी प्रोग्राम के दौरान ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से प.बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ की शिकायत भी की. ममता ने कहा, “आपकी सलाह पर हम काम करते हैं, ये बात गवर्नर को पता ही नहीं है. आपने कहा कि बाहर से डॉक्टर लाओ, गवर्नर को पता ही नहीं. वो सवाल उठाते हैं. हमारा डॉक्टर्स का कोटा बढ़ाना चाहिए.”
इस दौरान ममता ने कोविड टीके को लेकर भी केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, “हमें अभितक सेकेंड डोज़ की 40 प्रतिशत भी प्राप्त नहीं हुई है. प्रधानमंत्री बूस्टर डोज की बात कर मगर पहले सेकेंड डोज दिया जाएगा तभी तो बूस्टर डोज की बारी आएगी. इसी बीच 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण का अभियान भी शुरू हो चुका है. इसीलिए हमने और डोज की आवश्यकता है.”