किडनी में पथरी से पीड़ित मरीजों को अब ऑपरेशन से डरने की जरूरत नहीं हैं. अब पीएमसीएच में किडनी स्टोन को किडनी से निकालने के लिए ओपन सर्जरी की जरूरत नहीं होगी क्योंकि, अस्पताल में अब एक्स्ट्राकापोरियल शॉक वेब लिथोट्रिप्सी (इएसडब्लूएल) तकनीक से किडनी की पथरी का उपचार होगा.
इसके लिए अस्पताल में करीब दो करोड़ की लिथोट्रिप्सी लगेगी और इलाज शुरू हो जायेगा. अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रस्ताव बनाया गया है. वर्तमान समय में इस तकनीक का इस्तेमाल निजी हॉस्पिटल और आइजीआइएमएस में किया जाता है. वहीं इस तरह आधुनिक सुविधा पीएमसीएच में नहीं होने से मरीज प्राइवेट या आइजीआइएमएस जैसे दूसरे अस्पतालों में चले जाते हैं.
नि:शुल्क होगी यह सुविधा
पीएमसीएच में यह सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क रहेगी. अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि पीएमसीएच को विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. आने वाले कुछ सालों में यहां आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो जायेंगी. उन्होंने बताया कि किडनी में स्टोन गलत खानपान की आदतों की वजह से होता है.
ऐसे काम करती है मशीन
लिथोट्रिप्सी मशीन के ऑपरेटिंग टेबल पर मरीज को लेटा दिया जाता है. टेबल पर पेट की सीध में पानी से भरा तकिया लगा दिया जाता है. ये किडनी के पीछे होता है. इसके बाद शॉक वेब से स्टोन को टारगेट किया जाता है. पत्थरी को क्रश करने के लिए 1 से 2 हजार शॉक वेब की जरूरत होती है. इस प्रोसिजर के बाद किडनी की पथरी का चूरा पेशाब के साथ बाहर निकलेगा.