त्रिपुरा में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में 12 नवंबर को महाराष्ट्र के नासिक, अमरावती और नांदेड़ जिलों में विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटनाएं हुईं. जिसके बाद राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उत्तर-पूर्वी राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने वाली घटनाओं के विरोध में कुछ मुस्लिम संगठनों ने बंद का आह्वान किया था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में दोपहर में विरोध मार्च के दौरान पथराव हुआ.
अधिकारियों ने बताया कि अमरावती शहर में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार को रोकने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपने के लिए आठ हजार से अधिक लोग जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमा हुए. ज्ञापन सौंपकर जब लोग निकल रहे थे तो चित्रा चौक और कपास बाजार के बीच तीन जगहों पर पथराव हुआ.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नांदेड़ में पुलिस वैन पर पथराव किया गया और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने कहा कि इन सभी जगहों पर स्थिति नियंत्रण में है और प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने एक बयान में कहा कि त्रिपुरा में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा के खिलाफ राज्य में निकाले गए विरोध मार्च ने कुछ जगहों पर हिंसक रूप ले लिया, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है.
उन्होंने महाराष्ट्र में लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की है. उन्होंने आश्वासन दिया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा.
भिंडी बाजार, मोहम्मद अली रोड, कुर्ला के साथ-साथ ठाणे के मुंब्रा और भिवंडी सहित मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बंद रहा. भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, यह दावा करते हुए कि कुछ लोग “त्रिपुरा में कथित हिंसा को मूल बनाने” की कोशिश कर रहे थे.